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Sitopladi Churna benefits and side effect in Hindi – सितोपलादि चूर्ण के फायदे और नुकसान

सितोपलादि चूर्ण – Sitopladi Churna in hindi

Contents

दोस्तो आज हम इस आर्टिकल में सितोपलादि चूर्ण ( Sitopladi Churna ) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. सितोपलादि चूर्ण के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे हमारे एक्सपर्ट. आज हम सितोपलादि चूर्ण के उन सभी पहलू पर बात करेंगे, जिसको लोग गूगल पर बहुत अधिक मात्रा में सर्च करते हैं. 

उस सामग्री की पूरी जानकारी लेने की कोशिश करते हैं. सितोपलादि चूर्ण ( Sitopladi Churna ) के फायदे, नुकसान, सेवन विधि, तासीर और बनाने की विधि. इन सभी पर विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे. बहुत से लोग इसके बारे में जानते तो है लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि ये कैसे काम करता है. 

हमारा लक्ष्य आपको आयुर्वेद, आयुर्विज्ञान और योग से जुड़ी सभी तरह की जानकारी देना है. जिससे आपको जानकारी का अभाव ना हो. जानकारी के अभाव में लोग काफी गलती करते है. जिससे लोगो को काफी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. आपको ऐसी बहुत सी वेबसाइट इंटरनेट या बोले तो गूगल पर उपलब्ध है, जो आपको जानकारी तो देते है. 

लेकिन पूरी जानकारी नहीं देते है. जिस वजह से व्यक्ति को कभी कभी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है या कभी कभी पड़ता भी है. आपको puneplasma आपको आयुर्वेद और योगा की सभी जानकारी देने का प्रयास करेंगे. समझ में न आने पर आप हमसे कॉमेंट के जरिए या डायरेक्ट ईमेल करके जानकारी प्राप्त कर सकते है.

सितोपलादि चूर्ण क्या है? – what is Sitopladi Churna in Hindi

सितोपलादि चूर्ण ( Sitopladi Churna ) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग अनेक प्रकार के रोग में किया जाता है. सितोपलादि चूर्ण आयुर्वेद में एक बहुत ही जानी मनी दवा है. यह एक बहुचर्चित दवा है. क्यूंकि इसका सेवन करने से अनेक प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है. 

Sitopladi Churna में कई प्रकार की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मुख्य तौर पर मिश्री, छोटी हरी इलायची, दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा और भी कई प्रकार की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसको बनाने में. हम आपको सितोपलादि चूर्ण को बनाने के विधि के बारे में भी नीचे बताने की कोशिश करना. 

सितोपलादि चूर्ण के घटक द्रव्य – Sitopladi Churna ingredients in hindi 

Sitopladi Churna का सेवन निम्न घटक द्रव्य का उपयोग किया जाता हैं. 

1. वंशलोचन – 100 ग्राम

2. मिश्री – 200 ग्राम

3. पीपली – 50 ग्राम 

4. इलाइची – 25 ग्राम 

5. दालचीनी – 15 ग्राम 

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि – Sitopladi Churna making vidhi

Sitopladi Churna को बनाने की विधि काफी आसान है, इसे कोई भी आसानी से घर पर भी बना सकता है. अगर आपको सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि नहीं पता, तो आज हम आपको सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि के बार में भी बताएंगे.   

सबसे पहले आपको ऊपर दी गई मात्रा में सभी जड़ी बूटियों को इकट्ठा कर लें. उसके बाद उन सभी जड़ी बूटियों को अच्छी तरह से सूखा लें. उसके बाद आपको इन सभी जड़ी बूटियों को अच्छी तरह से पीस लें. उसके बाद किसी बरतन में इसे रख लें. इसे ही सितोपलादि चूर्ण कहा जाता हैं.

सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna benefits in hindi

सितोपलादि चूर्ण के फायदे किन किन रोगों में किया जाता है. आज हम आपको इसके बारे में बताने की कोशिश करेंगे. ताकि आप आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकें. इसका उपयोग कोन कोन से रोगों में किया जाता है. नीचे जानने की कोशिश करेंगे. 

खांसी में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopaladi Churna benefits in Cough

सितोपलादि चूर्ण में दालचीनी, छोटी इलायची, वंशलोचन, मिश्री एवं पीपल जैसी देसी जड़ी बूटियां का उपयोग किया जाती है. जिस कारण सितोपलादि चूर्ण में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण आ जाते हैं. जिससे हमें कई प्रकार की समस्या से लड़ने में काफी मदद मिलती है. 

Sitopaladi Churna कई प्रकार की खांसी को दूर करने में काफी सहायक होता है. इसका सेवन काई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में खांसी की समस्या में कर सकता है. इसलिए आप इसका सेवन किसी परेशानी के कर सकते है.

गले की खराश में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna Benefits in Throat Infection

गले की समस्या से परेशान व्यक्ति को इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए. इससे आपको इस समस्या में काफी लाभ मिलता है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप पहले किसी रोग विशेषज्ञ की सलाह लेने के आप इसका सेवन अवश्य करे. इससे आपको काफी राहत मिलता है. इस समस्या में.  

इसका सेवन कई प्रकार की खांसी में कर सकते है. आपको इसका सेवन करने से खांसी में काफी लाभ मिलता है. इसका सेवन महिलाओं के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है. इसलिए महिला भी इसका सेवन खांसी से जुड़ी समस्या को दूर करने में कर सकती है. 

टॉन्सिल में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna Benefits in Hindi 

अगर आपको खाने लाइन में गले में कुछ तकलीफ़ हो रही है, तो इससे आपको सावधान हो जाना चाहिए. क्यूंकि यह कोई आम समस्या नहीं है. ही सकता है यह टोंसिल की समस्या हो. इसलिए आपको अगर ऐशा महसूस हो, तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें. 

इसके अलावा अगर आपको पता हो कि आपको टोंसिल की समस्या हो गई है, तो आपको इसका सेवन अवश्य करना चाहिए. इस समस्या में आपको काफी लाभ मिलता है. सितोपलादि चूर्ण मुख्य रूप से टोंसिल की समस्या को उत्पन्न करने वाली जीवाणु को खतम करने में काफी सहायक है. 

अस्थमा में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna Benefits in Asthma 

सितोपलादि चूर्ण का सेवन अस्थमा के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है. क्यूंकि अस्थमा की समस्या में यह बहुत ही असरदराक दवा है. इसलिए कई आयुर्वेद रोग विशेषज्ञ अस्थमा के रोग में इस दवा का सेवन करने की सलाह देते है. 

इसको बनाने में अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो हमारे शरीर को मजबूत करने के साथ साथ हमारे फेफड़ों तथा श्वसन तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है. इसके सेवन यह काफी मजबूत हो जाता है. 

अस्थमा की समस्या एक बहुत ही घातक समस्या है. इसलिए आप डॉक्टर से संपर्क करने के बाद अस्थमा के इलाज के लिए इसका सेवन अवश्य कर सकते है. इसके आप और भी कई प्रकार की दवाओं का सेवन कर सकते है. लेकिन से इजाजत के बाद ही अन्य दवाओं का सेवन करें.

मधुमेह में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna Benefits in Diabetes 

मधुमेह रोगियों के लिए यह एक बहुत ही लाभदायक दवा है. क्यूंकि यह दवा थोड़ा कसैला होता है. जिस वजह से इसका सेवन मधुमेह के रोग में किया जाता है. अगर आप इसका सेवन डाक्टर के निर्देशानुसार करते है, तो इससे आपको काफी फायदा होने की संभवन है. इसलिए आप इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें. 

एनीमिया में सितोपलादि चूर्ण के फायदे – Sitopladi Churna benefits in Anemia 

अगर हमारे शरीर में आयरन कमी हो जाए, तो इससे हमें कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. जो हमारे लिए काफी खतरनाक भी हो सकता है. आयरन से कमी होने वाली समस्या में से एक समस्या एनीमिया की समस्या है. एनीमिया की समस्या के वजह से शरीर में कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है. 

एनिमी की समस्या में मुख्य रूप से आंखों के सामने अंधेरा छाना, भूख ना लगना, थकावट महसूस करना तथा शारीरिक कमजोरी जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है. इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप सितोपलादि चूर्ण का सेवन कर सकते है. इससे आपको काफी लाभ मिलता है. 

एलर्जी दूर करने में लाभकारी सितोपलादि चूर्ण – Sitopladi Churna Benefits in Allergy 

सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है. इसका उपयोग कई प्रकार के एलर्जी में भी किया जाता है. आप इसका सेवन स्वास से जुड़ी एलर्जी की समस्या में इसका सेवन कर सकते है. इसके अलावा आप इसका सेवन नाक से जड़ी अनेक प्रकार की समस्या में कर सकते है. 

इसका सेवन करने से आपको नाक से जुड़ी समस्या में काफी लाभ मिलता है. आप डॉक्टर से इजाजत लेने के बाद एलर्जी की समस्या में इस दवा का सेवन कर सकते है. बिना डॉक्टर के इजाजत के इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

पाचन तंत्र में लाभकारी सितोपलादि चूर्ण – Sitopladi Churna Benefits in Digestive System 

पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या आज एक आम समस्या है, लेकिन इसकी समस्या से निजात पाना इतना आसान नहीं है. क्यूंकि आज यह बीमारी एक बहुत ही जटिल समस्या बन कर उभर रहा है. गलत खान पान की वजह से यह समस्या बहुत ही विकराल रूप ले चुका है.

इस समस्या की चपेट में आज सभी लोग आ चुके हैं. आज इस समस्या से बच्चे, बूढे और नौजवान लगभग सभी परेशान है. आप पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या में इश्क दवा का सेवन करके अवश्य देख सकते है. अगर आपको उससे फायदा होता है, तो इसका सेवन आप अवश्य करे. 

माइग्रेन दूर करने में सहायक – Sitopladi Churna Benefits in Migraine 

माइग्रेन की समस्या एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है. जिसके चपेट में बहुत सी लोग आज दुनिया में मौजूद है. इस बीमारी की तादाद भारत में भी बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. जिससे बहुत से लोग समस्या की चपेट में आ चुके है. माइग्रेन बीमारी में व्यक्ति के सिर के एक हिस्से में बहुत अधिक दर्द रहता है. जिससे व्यक्ति काफी परेशान रहता है. यह दर्द लगातार 4 से 6 घंटे तक बना रहता है. 

इस समस्या के लिए बाज़ार में बहुत सी दवाइयां उपलब्ध है. लेकिन कोई भी दवा सही तरीके से कारगर सिद्ध नहीं हुई है. आप सितोपलादि चूर्ण का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद कर सकते है. यह एक बहुत ही जटिल समस्या है. इसलिए इस समस्या में इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए. 

सितोपलादि चूर्ण के नुकसान – Sitopladi Churna side effect in Hindi

Sitopladi Churna के कुछ फायदे है, तो इसके कुछ नुकसान भी है. इसका सेवन करने से किया किया नुकसान हो सकते है. इसके बारे में हम आपको नीचे बताने की कोशिश करेंगे. अधिक जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

सितोपलादि चूर्ण का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. इससे आपको फायदा होने की संभावना अधिक रहती है, लेकिन अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते है, तो इससे आपको नुकसान भी होने की संभावना है. 

अगर आपको सितोपलादि चूर्ण में मौजूद किसी घटक द्रव्य से एलरजी है, तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए. क्यूंकि इसके सेवन से आपके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. एलर्जी होने पर अगर आप इसका सेवन करते है, तो इससे आपके पीठ पर चकत्ते होने लगते है. 

सितोपलादि चूर्ण का सेवन हमेशा डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए. इसके अलावा डॉक्टर जितना इसका सेवन करने की सलाह देते है उतना ही सेवन करना चाहिए. आपको बिना डॉक्टर से सलाह लिए इस दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए. 

सितोपलादि चूर्ण की सेवन विधि – Sitopladi Churna Sevan vidhi in hindi

Sitopladi Churna का सेवन कई प्रकार के रोगों में किया जाता है, किस रोग में इसका सेवन कितना करना है. इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तारपूर्वक बताने की कोशिश करेंगे, ताकि आपको किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े. 

बुखार में सितोपलादि चूर्ण को लेने कि विधि – How to use Sitopladi Churna in Fever? 

Sitopladi Churna का सेवन बुखार में अन्य जड़ी बूटियों को मिलाकर किया जाता है. अगर आप इसका सेवन 1 ग्राम शहद, 250 मिलीग्राम प्रवाल पिष्टी तथा 25 मिलीग्राम यशद भस्म के साथ करते हैं, तो इससे आपको काफी राहत मिलता है और बुखार भी बहुत जल्दी उतर जाता है. आपको इन चारों को मिलाकर दिन भर में दो बार सेवन करना चाहिए. 

सूखी खांसी में सितोपलादि चूर्ण को लेने की विधि – How to use Sitopladi Churna in Dry Cough

जैसा कि आप जानते हैं की इस दवा का सेवन सूखी खांसी में भी किया जाता है. लेकिन इसका सेवन की विधि आपको नहीं पता होगा. इसलिए हम इस आर्टिकल में सूखी खांसी में इसका सेवन करने की विधि के बारे में बताएंगे. 

सूखी खांसी में आप इसका सेवन शहद के साथ करना चाहिए. इससे आपको काफी राहत मिलता है. इसका सेवन आप शहद के साथ 2.5 ग्राम शहद और 5 ग्राम Sitopladi Churna को एक साथ मिलाकर सुबह और शाम में इसका सेवन करना चाहिए. 

कफ में सितोपलादि चूर्ण को लेने की विधि – How to use Sitopladi Churna in Cough

आप सितोपलादि चूर्ण का सेवन कफ में भी शहद के साथ कर सकते है. आप इसका सेवन दूध के साथ भी कर सकते है. आप कफ में 5 ग्राम शहद और 5 ग्राम सितोपलादि चूर्ण दोनों को मिलाकर चाटें. 

सितोपलादि चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग – Sitopladi Churna uses in hindi 

Sitopladi Churna का उपयोग निम्न चिकित्सीय रोग में किया जाता है. 

एलर्जी : अगर आपको किसी पदार्थ से एलर्जी है और आप ने उस पढ़ार्थ का सेवन कर लिया है, तो इससे आपको उल्टी और पेट व पीठ में लाल लाल चकत्ते हो जाते है. अधिक उल्टी होने पर धीरे धीरे आपका तबियत और भी खराब होने लगता है. ऐसे समय मैं आप अगर सितोपलादि चूर्ण का उपयोग करते है, तो इससे आपकी एलर्जी की समस्या जल्द से जल्द ठीक हो जाता है. 

एनीमिया : एनीमिया रोग हमारे खून में हिमोग्लोबिन और ग्लूकोज की कमी के कारण होता है. अगर हमारे खून में इनकी कमी हो जाती है, तो हम एनीमिया के शिकार हो जाते है. इससे हमारा वजन दिन व दिन घटने लगता है. हमारे चेहरे की रौनक खत्म हो जाती है. इस समस्या से निबटने के लिए आप सितोपलादि चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते है. 

मधुमेह : मधुमेह के रोगियों के लिए चूर्ण बहुत ही लाभकारी होता है. यह चूर्ण खाने में बहुत ही तीखा होता है, जो हमारे मधुमेह को बहुत हद तक कम कर देता है. जिसका मधुमेह बढ़ जाता है. यह उनके लिए भी काफी असरदार होता है, लेकिन आपको चूर्ण का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है. 

सितोपलादि चूर्ण का मूल्य – Sitopladi Churna price

सितोपलादि चूर्ण के एक डब्बे का मूल्य ₹130 rupay है. एक डब्बे में 60 ग्राम सितोपलादि चूर्ण मौजूद होता है. जिसे आप दवाई दुकान से खरीद सकते हैं. इसे आप किसी भी ऑनलाइन स्टोर से भी खरीद सकते हैं. अगर आप इसे ऑनलाइन स्टोर से खरीदते है, तो इसको खरीदने पर आपको काफी छूट भी मिलेगा.

सितोपलादि चूर्ण के बारे में डॉक्टर से पूछे गए सवाल और उनके जवाब 
Q1. सितोपलादि चूर्ण का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए? 

Ans : सितोपलादि चूर्ण का सेवन कितने दिनों तक करना चाहिए. इसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं. बिना डॉक्टर के इजाजत के इसका सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपको नुकसान भी हो सकता है. 

Q2. सितोपलादि चूर्ण का सेवन कब करना चाहिए? 

Ans : सितोपलादि चूर्ण का सेवन आप खाना खाने के बाद कर सकते हैं. आप इसका सेवन खाना खाने के बाद सुबह और रात में कर सकते है. आप इसका सेवन दूध या हल्के गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं. 

Q3. क्या सितोपलादि चूर्ण के सेवन से मुझे इसकी लत लग सकती है?

Ans : नहीं. सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने से लत नहीं लगती है. क्यूंकि सितोपलादि चूर्ण को बनाने में किसी हानिकारक तत्व का उपयोग नहीं किया जाता हैं. 

Q4. क्या सितोपलादि चूर्ण सेवन शराब के साथ किया जा सकता है?

Ans : नहीं. सितोपलादि चूर्ण का सेवन शराब के साथ नहीं करना चाहिए. इससे हमारे शरीर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. उल्टी की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. 

Q5. क्या सितोपलादि चूर्ण के सेवन के बाद ड्राइविंग किया जा सकता है?

Ans : हां. सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने के बाद आप ड्राइविंग के सकते है. क्यूंकि सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने से बाद नींद की समस्या उत्पन्न नहीं होती है और ना ही नशा की समस्या उत्पन्न होती है. 

Q6. क्या सितोपलादि चूर्ण का सेवन बच्चो के लिए सुरक्षित है?

Ans : हां. सितोपलादि चूर्ण का सेवन बच्चो के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. क्यूंकि इसका सेवन करने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. लेकिन अगर आप इसका सेवन 5 साल से कम उम्र के बच्चे को कराना चाहते हैं, तो पहले आप अपने आप अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें. 

Q7. क्या सितोपलादि चूर्ण का सेवन महिलाएं कर सकती है?

 Ans : हां. महिलाएं भी इसका सेवन कर सकती है, इससे महिलाओं को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. लेकिन गर्भवती महिला को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से अवश्य सलाह लेना चाहिए. अगर स्तनपान कराने वाली महिला इसका सेवन करना चाहती है, तो उन्हे भी इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. 

Q8. क्या सितोपलादि चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है? 

Ans : सितोपलादि चूर्ण का सेवन हल्के गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है. पानी के साथ इसका सेवन करने किसी तरह का हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. यह पूरी तरह सुरक्षित है. 

Q9. क्या सितोपलादि चूर्ण को खाली पेट लिया जा सकता है? 

Ans : नहीं. सितोपलादि चूर्ण का सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए. इससे आपको काफी नुकसान पहुंच सकता है. 

Q10. क्या सितोपलादि चूर्ण गर्भवती महिलाओं को दिया जा सकता है? 

Ans : हां. सितोपलादि चूर्ण का सेवन गर्भवती महिला कर सकती है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. 

Q11. क्या सितोपलादि चूर्ण में चीनी होती है ? 

Ans : हां. सितोपलादि चूर्ण में चीनी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है. इसलिए मधुमेह रोगियों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

Q12. सितोपलादि चूर्ण का निर्माण किस कंपनी द्वारा किया जाता है. 

Ans : सितोपलादि चूर्ण का निर्माण कई कंपनियां द्वारा किया जाता है. इसको बनाने वाली मुख्य कंपनियो की बात करे, तो इसका निर्माण पतंजलि, डाबर, हिमालया, बैद्यनाथ, दिव्य फार्मेसी लिमिटेड आदि कंपनियों द्वारा किया जाता है.

नोट : सितोपलादि चूर्ण ( Sitopladi Churna ) के बारे में कोई और प्रश्न है, तो हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं. हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगें. इसके अलावा आप हमे e-mail पर मैसेज भी कर सकते है.