कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) – यह बीमारी आँख में होने वाली एक सामान्य बीमारी है | प्रायः कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बीमारी बच्चों में अधिक मात्रा में होती है तथा बड़े लोगों को कम मात्रा में होती है | कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बीमारी एक संक्रामक बीमारी है अर्थात यह बीमारी संक्रमण से फैलाने वाली बीमारी है |
कंजक्टिवाइटिस क्या है |
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कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आँख में होने वाली एक बीमारी है | इस बीमारी में आंख बहुत ज्यादा लाल हो जाती है और आँख में जलन, दर्द के साथ-साथ खुजली भी होने लगती है | आंख से कीचड़ व पानी भी गिरता है | संपूर्ण आंख में सूजन भी हो जाती है | इस तरह यह बीमारी बहुत कष्टदायक बीमारी है और रोगी बहुत ही कष्ट में रहता है |
चलिए जानते है कि यह बीमारी आंख के किस भाग में होता है | हमारे आँख के संरचना अनुसार, आँख का एक भाग कंजेक्टिवा होता है , यह रोग आँख के इसी भाग में होने वाली एक बीमारी है | आँख के संरचना अनुसार कंजेक्टिवा एक पारदर्शी झिल्ली है जो श्वेत पटल एवं पलक के भीतरी भाग में अवस्थित होता है | उसी पारदर्शी झिल्ली में सूजन हो जाता है | यदि उस सूजन को गौर से देखें तो झिल्ली के सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं में रक्त भरा रहता है ऐसा दिखाई देता है |
कंजक्टिवाइटिस होने के क्या कारण है
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) होने के कारण – यह बीमारी मुख्यतः निम्न कारणों से होता हैं |
(i) जीवाणु संक्रमण
(ii) विषाणु संक्रमण
(iii) एलर्जी
(iv) आंतरिक अंग के खराब के कारण
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण क्या है
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण – इस बीमारी का लक्षण इसके कारणों पर निर्भर करता है | मेरे कहने का आशय यह है कि यदि रोगीयों को कंजक्टिवाइटिस होने के अलग-अलग कारण हैं तो उनके लक्षण भी अलग-अलग हैं | सभी लक्षणों का वर्णन नीचे किया गया है –
जीवाणु जनित संक्रमण के लक्षण
रोगी जब सोकर उठता है तो उसे पता चलता है कि एकाएक उसकी आंखें चिपक गई है | उनमें चिपचिपा गाढ़ा पीले रंग का स्त्राव निकलने लगा है | रात में यह स्त्राव सूखकर पपड़ी बन जाता है तथा पलकों को चिपका देता है
आंखें लाल हो जाती है
आंख में जलन होती है
विषाणु जनित संक्रमण के लक्षण
आंखें लाल होना
आंख में कुछ गरना
गले में खराश
आंख में जलन
आंख से पानी गिरना
कान के सामने वाले लसीका ग्रंथि में सूजन
एलर्जी जनित संक्रमण के लक्षण
नाक तथा आंख से पानी गिरना
आंखें लाल एवं आँख में सूजन
आँख में खुजली
स्त्राव का रंग पानी जैसा होना
आंतरिक अंगों के खराबी के कारण होने वाले संक्रमण के लक्षण
हृदय रोग से प्रभावित संक्रमण के लक्षण – इसमें आँख के बाहरी अवं भीतरी कोना ही लाल रहता है |
फेफ़ड़ा से प्रभावित संक्रमण के लक्षण – इसमें आँख के सम्पूर्ण श्वेत पटल लाल होता है |
लिवर से प्रभावित संक्रमण के लक्षण – इसमें सम्पूर्ण आँख लाल होता है | साथ ही आँख में सूजन, आँख में पानी गिरना, प्रकाश से घृणा तथा दर्द होता है |
युरोगेनिटल ऑर्गन से प्रभावित संक्रमण के लक्षण – इसमें आपको यह बता दू कि यदि बार-बार आपको कंजक्टिवाइटिस हो रहा है तो इसमें मूत्राशय, प्रोस्टेट, बच्चादानी, ओभरी में से कोई प्रभावित अवशय है |
कंजक्टिवाइटिस के प्रकार
यह दो प्रकार का हैं
(i) Acute Conjunctivitis (ii) Chronic Conjunctivitis
Acute Conjunctivitis के लक्षण
आंख में जमाव, सूजन और दर्द
सरदर्द
बुखार
सतही तेजी से नाड़ी
Chronic Conjunctivitis के लक्षण
दर्द और आंखों की लाली
प्रकाश की असहनीयता
कंजक्टिवाइटिस के रोकथाम
- संक्रमण न फैले इसके लिए बार-बार हाथ धोये |
- रोगी के तौलिया, रुमाल, बेडशीट, तकिया की खोलें को प्रत्येक दिन बदलकर रोज उसे गर्म पानी से साफ़ करें |
- कास्मेटिक का उपयोग न करें |
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) जिसे आमतौर पर “आँख आना” या “आँखें लाल होना” कहा जाता है, एक आँखों की बाहरी झिल्ली (Conjunctiva) की सूजन या संक्रमण है। यह एक संक्रामक रोग भी हो सकता है और बच्चों व बड़ों दोनों में तेजी से फैल सकता है।
👁️ कंजंक्टिवाइटिस के प्रकार (Types of Conjunctivitis):
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वायरल कंजंक्टिवाइटिस
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सबसे आम और अत्यधिक संक्रामक
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ठंड या वायरल संक्रमण के साथ हो सकता है
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अक्सर एक आंख से शुरू होता है और दूसरी में फैल जाता है
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बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस
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बैक्टीरिया के कारण होता है
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पीले या हरे रंग का गाढ़ा डिस्चार्ज
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अधिक चिपचिपा और पलकों पर जमाव
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एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस
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धूल, पराग, पालतू जानवरों के बाल आदि से एलर्जी
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दोनों आँखें प्रभावित होती हैं
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खुजली और पानी आना आम
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केमिकल कंजंक्टिवाइटिस
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धुआं, केमिकल, साबुन या कॉस्मेटिक्स के संपर्क से
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आपातकालीन इलाज की आवश्यकता हो सकती है
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🔍 लक्षण (Symptoms):
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आँखों की लालिमा
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खुजली या जलन
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आँखों से पानी आना या गाढ़ा रिसाव
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आँखों में भारीपन या चिपचिपाहट
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रोशनी से चिढ़ (Photophobia)
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पलकों का चिपक जाना, खासकर सुबह
🧫 कारण (Causes):
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वायरस (जैसे: एडेनोवायरस)
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बैक्टीरिया (जैसे: स्टेफिलोकोकस, स्ट्रेप्टोकोकस)
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एलर्जी (धूल, पराग, धुआं आदि)
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केमिकल्स या धुएं का एक्सपोज़र
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कॉन्टेक्ट लेंस की ग़लत सफाई या ज्यादा समय तक पहनना
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संक्रमित व्यक्ति से संपर्क
🛡️ बचाव (Prevention):
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संक्रमित व्यक्ति की चीज़ें (तौलिया, रुमाल, चश्मा) साझा न करें
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बार-बार हाथ धोएं
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आँखों को हाथ न लगाएं
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बच्चों को स्कूल से दूर रखें जब तक पूरी तरह ठीक न हो जाए
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आंखों में आई ड्रॉप्स का सही और डॉक्टर द्वारा सुझाया गया उपयोग करें
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कॉन्टेक्ट लेंस की सफाई नियमित रखें
🩺 निदान (Diagnosis):
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आँखों की सामान्य जांच
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लक्षणों का मूल्यांकन
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आवश्यकता होने पर आंख के डिस्चार्ज का लैब टेस्ट (swab test)
💊 उपचार (Treatment):
प्रकार | उपचार |
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वायरल | सामान्यतः खुद-ब-खुद ठीक होता है (7-10 दिन में), लक्षणों से राहत के लिए ठंडी सिकाई और आर्टिफिशियल टियर्स |
बैक्टीरियल | डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स या ऑइंटमेंट |
एलर्जिक | एंटी-हिस्टामिन आई ड्रॉप्स, एलर्जी से बचाव |
केमिकल | आँखों को तुरंत धोना, और आपातकालीन चिकित्सा |
🛑 नोट: कोई भी आई ड्रॉप या दवा खुद से न लें, नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialist) की सलाह लें।
❗ कब डॉक्टर के पास जाएं?
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आँखों में बहुत ज्यादा दर्द या सूजन हो
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दृष्टि में धुंधलापन या अचानक बदलाव
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एक हफ्ते से ज्यादा समय तक लक्षण बने रहें
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बच्चा बहुत असहज हो
अगर आप चाहें तो मैं इसका PDF नोट्स, इन्फोग्राफिक, या हिंदी पोस्टर भी तैयार कर सकता हूँ।