शक्ति मुद्रा – shakti mudra in Hindi
Contents
- 1 शक्ति मुद्रा – shakti mudra in Hindi
- 2 शक्ति मुद्रा क्या है? – what is shakti mudra in Hindi
- 3 🙏 शक्ति मुद्रा विधि (Shakti Mudra Vidhi in Hindi)
- 4 ✅ शक्ति मुद्रा के फायदे (Shakti Mudra Benefits in Hindi)
- 5 ⚠️ शक्ति मुद्रा के नुकसान या सावधानियां (Side Effects or Precautions)
- 6 📌 कब करें शक्ति मुद्रा?
दोस्तों आज हम आपको शक्ति मुद्रा की जानकारी देने का प्रयत्न करेंगे. शक्ति मुद्रा ( shakti mudra ) के बारे में आपने कभी ना कभी तो अवश्य ही सुना होगा, लेकिन किया आप इसके फायदे में बारे में जानते है. ( योग मुद्रसाना )
अगर आप शक्ति मुद्रा ( shakti mudra ) के फायदों के बारे में नहीं जानते है, तो नीचे आपको इस आसन के सभी फायदों की जानकारी विस्तार से दी जाएगी. साथ ही इस आसन को करने की सबसे सरल विधि के बारे में भी बताया जाएगा.
शक्ति मुद्रा क्या है? – what is shakti mudra in Hindi
बदलते मौसम का असर स्वस्थ पर भी पड़ता है. इन दिनों मौसम में हो रहे बदलावों के कारण काफी लोगो को सर्दी जुखाम की समस्या हो जाती है. अस्थमा के रोगियों को बदलते मौसम में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. ( वजरोली मुद्रा )
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर वाले व्यक्ति को इसका असर अधिक देखने को मिलता है. शक्ति मुद्रा हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. इससे नाड़ियां ठीक से काम करती है और शरीर ऊर्जावान बनती है. ( संभावी मुद्रा )
शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ती है, ठंड दूर होती है और शरीर की गर्मी बढ़ती है. यह मुद्रा शरीरिक श्रम करने वालों, नाक, कान और चेहरा संबंधित रोगों से पीड़ित लोगों, नकारात्मक विचार रखने वाले और तनावग्रस्त लोगो, कंधे, बहं, हाथ और गर्दन की पीड़ा झेल रहे रोगियों, अनिद्रा, स्लिप डिस्क और पीठ दर्द में खासतौर पर उपयोगी है. ( योनि मुद्रा )
shakti mudra का लगातार अभ्यास करने से हाथ की कम्पन की समस्या दूर होती है. इस आसन का फायदा सबसे अधिक महिलाओं को होता है. जिन महिलाओं की त्वचा रूखी हो गई है, जिससे देखने में चेहरा बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है. ऐसे में अगर आप इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो इससे आपके चेहरे पर फिर से चमक उत्पन्न हो सकती है. ( मंडूकासना )
शक्ति मुद्रा करने की विधि – shakti mudra karne ki vidhi
शक्ति मुद्रा का अभ्यास करने से पूर्व आपको इस आसन को करने की पूर्ण विधि के बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है. जिससे आप इस आसन का पूरा फायदा उठा सके. नीचे आपको शक्ति मुद्रा करने की सबसे सरल विधि की जानकारी दी जा रही है. ( शीर्षासन )
दोनों हाथो के अंगूठे को शीर्ष बचे उंगलियों के बीच दबाकर मुट्ठी बना लें. फिर बैठकर या लेटकर उसे नाभि के नीचे पेट पर हल्के से रखें. मुट्ठियों की उंगलियां आमने सामने सीधी हो. दोनों मुट्ठियों के बीच लगभग 2 इंच की दूरी हो.
शक्ति मुद्रा के फायदे – shakti mudra benefits in Hindi
आप कोई भी योगा या आसन इसलिए करते ताकि आपको उस आसन के अभ्यास से आपको कुछ ना कुछ लाभ अवश्य प्राप्त हो. ठीक उसी तरह आपको शक्ति मुद्रा का अभ्यास करने से भी अनेकों लाभ प्राप्त होते है. ( कपालभाती प्राणायाम )
शक्ति मुद्रा का अगर आप नियमित रूप से अभ्यास करते है, तो ये आसन आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को काफी मजबूत बना देता है. आज के समय में रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है. ऐसे समय में अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर रहती है, तो आपको कोरोना होने के पूरे चांस है. ( ध्यान मुद्रा )
इस आसन का अभ्यास उन लोगो को भी मुख्य रूप से करना चाहिए, जिन लोगो को नींद की समस्या बनी हुई है. जिन लोगो को रात में नींद नहीं आती है. अगर वे लोग इस आसन का अभ्यास नियमित से करतें है, तो नींद अवश्य आने लगेगा.
शक्ति मुद्रा करने का समय – shakti mudra karne ka samay
धीमी, गहरी और लंबी सांस के साथ रोज आधा घंटा शक्ति मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए. अगर आप इस आसन का अभ्यास 2 से 3 बार रोज़ाना करते है, तो आपको जल्दी लाभ प्राप्त होता है. इस आसन को वज्रासन में बैठकर करें, तो इससे आपको चमत्कारी लाभ मिलेगा. ( भ्रामरी प्राणायाम )
शक्ति मुद्रा करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – shakti mudra side effect in Hindi
shakti mudra की सबसे खास बात यह है. कि आप इस आसन का अभ्यास किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते है. शक्ति मुद्रा का अभ्यास करने से आपको किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. बस आपको एक बात का ख्याल रखना चाहिए. आपको अपनी आंखों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना चाहिए. ( सूर्य नमस्कार )
शक्ति मुद्रा वीडियो – shakti mudra videos
shakti mudra का अभ्यास केवल हाथो से किया जाता है. जिससे इस आसन का अभ्यास करना बेहद सरल हो जाता है. लेकिन कुछ मामलों में देखा गया है कि लोग इस आसन का अभ्यास सही तरीके से नहीं कर पाते है. जिससे उन लोगो को शक्ति मुद्रा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. ( सूर्य नमस्कार )
इसलिए हम आपकी जानकारी पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहते है. हम और हमारी टीम इस काम में परस्पर जुटी है कि लोगो को योगा से होने वाले फायदे के बारे में पता चले और अधिक से अधिक लोग योगा से जुड़े. shakti mudra videos आपको बारीकी से इस को समझने में मदद करेगी. ( चंद्र नमस्कार )
शक्ति मुद्रा (Shakti Mudra) एक शक्तिशाली योगिक हस्तमुद्रा है जो शरीर और मन को संतुलित करने में मदद करती है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी मानी जाती है, लेकिन पुरुषों के लिए भी उपयोगी होती है।
🙏 शक्ति मुद्रा विधि (Shakti Mudra Vidhi in Hindi)
कैसे करें:
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शांत स्थान पर सुखासन, पद्मासन या कुर्सी पर सीधे बैठें।
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दोनों हाथों की छोटी उंगली (Little Finger) और अनामिका (Ring Finger) को आपस में जोड़ें।
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मध्यमा और तर्जनी उंगलियां (Middle & Index Finger) को अंगूठे के जड़ में मोड़ लें।
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अंगूठे को हल्का दबाव देते हुए इन मुड़ी हुई उंगलियों के ऊपर रखें।
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दोनों हाथों से यही मुद्रा बनाएं और घुटनों पर रखें।
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आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
🕒 समय:
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दिन में 2 से 3 बार
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हर बार 10–15 मिनट तक करें
✅ शक्ति मुद्रा के फायदे (Shakti Mudra Benefits in Hindi)
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नींद की समस्या (Insomnia) में राहत
– मानसिक तनाव को दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करती है। -
तनाव और चिंता को कम करती है
– मन को शांत करती है और चिंता से राहत देती है। -
महिलाओं की मासिक धर्म समस्याओं में उपयोगी
– पेट दर्द, अनियमित मासिक धर्म, और हार्मोनल असंतुलन में लाभकारी। -
फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है
– गहरी सांस लेने में मदद करती है जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं। -
पाचन शक्ति में सुधार
– कब्ज, गैस और अपच की समस्या में राहत देती है। -
ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाता है
– शरीर में ऊर्जा का संचार कर आत्मबल को जाग्रत करता है।
⚠️ शक्ति मुद्रा के नुकसान या सावधानियां (Side Effects or Precautions)
शक्ति मुद्रा सामान्यतः सुरक्षित है, लेकिन निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
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अत्यधिक अभ्यास न करें (अधिक समय तक करने से नींद अधिक आ सकती है)
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कम ब्लड प्रेशर (Low BP) वाले लोग इसे ज्यादा देर तक न करें
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किसी गंभीर मानसिक या शारीरिक बीमारी में पहले योग शिक्षक या डॉक्टर से सलाह लें
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पूर्ण लाभ के लिए नियमित अभ्यास करें
📌 कब करें शक्ति मुद्रा?
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सुबह जल्दी या रात को सोने से पहले करना श्रेष्ठ है
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ध्यान, प्राणायाम या योगासन के साथ मिलाकर करने पर अधिक लाभ होता है
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