तड़ागी मुद्रा – tadagi mudra in Hindi
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दोस्तों आज हम आपको तड़ागी मुद्रा की जानकारी विस्तार से देने की कोशिश करेंगे. नीचे हम आपको tadagi mudra से जुड़ी वो सारी जानकारियां देंगे. जिससे रूबरू होकर आप इस आसन का अभ्यास आसानी से कर सकते है. ( योग मुद्रसाना )
tadagi mudra का अभ्यास करने से कई सारे फायदे होते है. जिसकी जानकारी इंटरनेट पूरी तरह से मौजूद नहीं है. हम आपने इस इस website puneplasma.in.in के माध्यम से योगा, प्राणायाम और मुद्रा से जुड़ी वो सारी जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे. जिसकी जानकारी अभी भी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है. ( वजरोली मुद्रा )
तड़ागी मुद्रा क्या है? – what is tadagi mudra in Hindi
तड़ागी मुद्रा के बारे में कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति अपने अंदर आत्मा से परेशान है, तो उस व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास अवश्य ही करना चाहिए. इस आसन का अभ्यास करने से अपने अंतर आत्मा को शांत किया जा सकता है.
tadagi mudra का अभ्यास करने से हमे अध्यात्मिक रूप से शांति मिलती है. इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से और भी कई सारे लाभ प्राप्त होते है. जिसके बारे में हमे जानना आवशयक है. उन सभी फायदों के बारे में बारीकी से जानने के लिए आप नीचे की लाइनों को विस्तार पूर्वक पर सकते है. ( संभावी मुद्रा )
अवधि : तड़ागी मुद्रा का अभ्यास एक बार में तीन से पांच चक्र बार करें.
सीमाएं : गर्भवती महिला और हर्निया के रोगियों को का आसन का अभ्य सनही करना चाहिए.
तड़ागी मुद्रान करने की विधि – tadagi mudra karne ki vidhi
पंजो को शरीर के सामने फैलाकर बैठ जाएं और पंजों के बीच थोड़ी दूरी रखें. अभ्यास के दौरान पैर सीधा रखें. सिर और मेरुदंड को सीधा रखते हुए हाथो को घुटनों पर रखें. आंखों को बन्द करें और पूरी शरीर को विशेषकर उदर क्षेत्र को विश्राम की स्तिथि में लाएं.
आगे की ओर झुककर पैर के अंगूठे को हाथ अंगूठे और तर्जनी से पकड़े. सिर को सामने की ओर रखें. उदर की पेशियों को पूरी तरह फैलाते हुए धीरे धीरे गहरी सांस लें. फेफड़ों पर बिना की प्रकार का जोर डालें. ( योनि मुद्रा )
सांस को जितनी देर तक आराम से हो सके, भीतर रोकें. उदर को शिथिल करते हुए धीरे धीरे गहरिंसंस छोड़ें. पैरों के अंगूठे को पकड़े रहें. दस बार स्वांस लें. उसके बाद अंगूठे को छोड़ दें और प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं. ( मंडूकासना )
तड़ागी मुद्रा के फायदे – tadagi mudra benefits in Hindi
tadagi mudra मध्यपट में संचित तनाव को दूर करता है. उदर के अंगो को शक्ति प्रदान करती है और रक्त संचार को सुचारू बनाती है. पाचन तंत्र में सुधार लाती है और अंदुरिनी क्षेत्र के तंत्रिका जालक् का उद्दीपन और पोषण होता है. ( शीर्षासन )
तड़ागी मुद्रा करने का समय – tadagi mudra karne ka samay
आप जब भी तड़ागी मुद्रा करने जाएं. उससे पूर्व समय का विशेष ध्यान रखें. आम तौर पर tadagi mudra का अभ्यास सुबह के समय करना चाहिए. लेकिन आप इस आसन का अभ्यास किसी भी समय कर सकते है. लेकिन आप जब भी इस आसन का अभ्यास करें. उससे पूर्व आप भोजन ग्रहण ना करें. ( कपालभाती प्राणायाम )
तड़ागी मुद्रा करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – tadagi mudra side effect in Hindi
तड़ागी मुद्रा का अभ्यास करने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे अगर इस आसन को करते वक्त कुछ गलती हो जाएं, तो उससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकें. tadagi mudra का अभ्यास करते वक्त कुछ सावधानी बरतनी चाहिए. ( ध्यान मुद्रा )
tadagi mudra का अभ्यास आप जब भी करें. इस बात का ध्यान रखें कि आपका पेट खाली होना चाहिए. अगर आपने भोजन ग्रहण कर लिया है, तो आप कम से कम 3 घंटे बाद इस आसन का अभ्यास करें. ( भ्रामरी प्राणायाम )
तड़ागी मुद्रा वीडियो – tadagi mudra videos
दोस्तों किसी भी आसन को सीखने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है वीडियो के माध्यम से सीखना. इसलिए बहुत से लोग अब गूगल से ज्यादा YouTube पर जाकर वीडियो देखना पसंद करते है. जिससे वे लोग कोई भी आसन आसानी से सीख जाते है. ( सूर्य नमस्कार )
लेकिन अगर आपको किसी भी आसन के बारे में बारीकी से जानकारी हासिल करना है, तो गूगल सर्च आपके लिए सबसे अच्छा माध्यम साबित हो सकता है. आपको कोई भी आसन करने में किसी तरह को समस्या का सामना ना करना पड़े. इसके लिए हमने आपने सभी आर्टिकल में वीडियो के सुविधा उपलब्ध कराई है. जिससे आप आसानी से कोई भी आसन को सीख सकें. ( चंद्र नमस्कार )
नोट : किसी भी तरह का कोई भी सवाल अगर आपके मन में हो, तो आप हमे बिना किसी झिझक के मैसेज कर कर सकते है. हम आपके सभी सवालों का ध्यान पूर्वक उत्तर देने की कोशिश करेंगे.