वातायनासन विधि, लाभ और सावधानियां – vatayanasana vidhi, benefits and side effect in Hindi

वातायनासन – vatayanasana in Hindi

दोस्तों आज हम आपको वातायनासन की जानकारी प्राप्त देने का प्रयास करेंगे. vatayanasana का अभ्यास करने से वीर्य दोष से जुड़ी कई प्रकार की समस्या से छुटकारा मिलता है. इस आसन को नियमित रूप से करने से हमे कई तरह के लाभ प्राप्त होते है. ( योग मुद्रसाना )

इस आसन का अभ्यास उन लोगो को मुख्य रूप से करना जिनके घुटनों में अक्सर दर्द की समस्या बनी रहती है. ऐसे में अगर आप वातायनासन का अभ्यास नियमित रूप से करते है, तो इससे आपके घुटनों को अवश्य लाभ प्राप्त होता है. 

वातायनासन क्या है? – what is vatayanasana in Hindi

वात यानी हवा और यान यानी वाहन. इसलिए इसको वायु वहित वाहन अथवा हवा के उड़ने वाला घोड़ा भी कहते हैं. यद्यपि इसकी आकृति तो वैसी नहीं दिखाई देती फिर भी इसका नाम वातायनासन क्यों रखा गया? आप जब स्वयं इस आसन का अभ्यास करेंगे, तो समझ जाएंगे. ( वजरोली मुद्रा )

अपने शरीर को जब एक पैर पर संतुलित रखते हुए उसे ऊपर उठाने का प्रयत्न करते हैं, तो बड़ा कठिन मालूम पड़ता है. इस आसन में दोनों भुजाओं द्वारा शरीर को वाटी मात्रा देते हुए उसका संतुलन रखने की चेष्टा की जाती है. ( संभावी मुद्रा )

दोनों हाथों को शरीर के दोनों ओर फैलाकर पंखों की तरह किया जाता है. जिस प्रकार हवा घोड़ा अपने विशाल पंखों द्वारा खड़ा होता है. हवाई घोड़े के समान आप प्रयास ना करें. यदि आप यदि अन्य किसी व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास करते समय देखेंगे, तो अनुमान लगा सकेंगे कि इसकी पूर्ण अवस्था में दोनों पैर कुछ-कुछ घोड़ों की टांगों के समान प्रतीत होता है. ( योनि मुद्रा )

इसलिए इस आसन का नामांतरण वातायनासन रखा गया है. इस आसन का अभ्यास करते समय दीवार का सहारा लिया जा सकता है. इसके लिए दीवार के सामने रहकर अभ्यास कर सकते हैं और किसी एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित कर सकते है.  

वातायनासन करने की विधि – vatayanasana karne ki vidhi 

सीधे खड़े हो जाएं. बाएं पैर को मोड़कर दाहिने पैर की जांघ पर रखें. शरीर का संतुलन दाहिने पैर पर बनाए रखें. दोनों हाथों को परस्पर जोड़कर छाती के पास रखें. दीवार पर अपनी आंखों के सामने किसी निश्चित स्थान पर दृष्टि केंद्रित करें. ( मंडूकासना )

यह आसन की प्रारंभिक अवस्था है. दोनों भुजाओं को दोनों ओर पंखों के सामान फैला लें. गहरी सांस अंदर ले. अब सांस रोके. धीरे-धीरे दाहिने पैर को झुकाएं और शरीर को नीचे लाएं. ध्यान रखें की शरीर को झटके से और जल्दी-जल्दी नीचे ले आए तथा अपने संपूर्ण शरीर का संतुलन बनाए रखें.

अब धीरे-धीरे अपना बायां घुटना जमीन की ओर ले जाएं. अन्यथा आपका बाया घुटना जमीन पर टिक जाना चाहिए. तत्पश्चात आप दोनों हाथों को जोड़कर छाती के पास ले आए. यह आसन की अच्छी अंतिम स्थिति है. ( शीर्षासन )

कुछ समय तक रहे और धीरे-धीरे गहरी सांस करते रहे. तत्पश्चात गहरी सांस अंदर ले. सांसों को रोकें. हाथों को दोनों ओर फैला ले. धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाते जाएं. दाहिने पैर को अपने दोनों हाथों से सहारा दे. जब आप खड़े हो जाएं, तो श्वास को बाहर छोड़े और बाएं पैर को मुक्त करें. अब अपने दाहिने पैर को आधे कमल के समान मोड़ पर इस प्रक्रिया की पूर्ण आवृत्ति करें. ( कपालभाती प्राणायाम )

वातायनासन के फायदे – vatayanasana benefits in Hindi

वातायनासन vatayanasana का अभ्यास घुटने के जोड़ और पैरों की मांसपेशियों को शक्तिशाली बनाता है तथा रक्त संचार को सुचारू करता है. लैंगिक अंगों को स्वस्थ बनाता है. यह आसन संपूर्ण शरीर को शक्ति प्रदान करता है.

यह गुर्दे और मुट्रलता की आति किर्यशिलता को कम करता है. यह ब्रह्मचारी धरना करने हेतु वीर्य द्रव्यमन की छमता का विकास करता है. इस आसन से भावनाओं का पोषण होता है. ईश्वर की पूजा करने के लिए यह आसन बहुत सुंदर है. इस आसन से शरीर का संतुलन बढ़ता है. ( ध्यान मुद्रा )

वातायनासन करने का समय – vatayanasana karne ka samay

दोनों पैरों से तीन तीन बार अभ्यास करें. वातायनासन किसी भी समय किया जा सकता है. शारीरिक संतुलन बनाए रखने पर और अध्यात्मिक, स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान दें. भुजाओं को शरीर से 45 के कोण पर नीचे की ओर फैलाकर या उन्हें पक्षी के पंखों की तरह बगल में फैलाकर कर वातायनासन करें.

योगासन धीमी गति से प्रेम पूर्वक करें. खुली हवा में या हवादार कमरे में योगासन करना चाहिए. सांस लेने और छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें. जब शरीर फैलाएं, तो श्वास अंदर ले और जब शरीर को संकुचित करें तो सांस बाहर छोड़ें. ( भ्रामरी प्राणायाम )

वातायनासन करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – vatayanasana side effect in Hindi

वातायनासन का अभ्यास करने से पूर्व आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर आप इस आसन का अभ्यास करते वक्त किसी तरह की सावधानी नहीं बरतते है, तो इससे आपको कुछ नुकसान हो सकता है. 

गर्भवती महिला को वातायनासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए. क्यूंकि इस आसन का अभ्यास करते समय गर्भवती महिला के पेट में चोट लगने की संभावना बनी रहती है. 

वातायनासन वीडियो – vatayanasana videos

वातायनासन का अभ्यास करने से पूर्व अगर आप इस आसन के अभ्यास का  vatayanasana videos देख लेते है, तो इससे आपको इस आसन का अभ्यास करने में काफी मदद मिलती है. ( सूर्य नमस्कार )

नोट : वातायनासन ( vatayanasana ) से जुड़ी सभी प्रकार के सवाल के जवाब के लिए आप हमे बिना झिझक के ईमेल कर सकते है. हम और हमारी टीम आपके सभी सवालों का जब देने के लिए प्रतिबद्ध है. ( चंद्र नमस्कार )

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