उत्तानपादासन – Uttanpadasana in Hindi
Contents
- 1 उत्तानपादासन – Uttanpadasana in Hindi
- 2 उत्तानपादासन क्या है? – what is Uttanpadasana in Hindi
- 2.1
- 2.2 उत्तानपादासन कैसे करें – Uttanpadasana Kaise kare
- 2.3 उत्तानपादासन करने की विधि – Uttanpadasana karne ki vidhi
- 2.4 उत्तानपादासन से पहले किया जाने वाला आसन – Uttanpadasana se pehle kiya jane wala asana
दोस्तो आज हम आपको उत्तानपादासन ( Uttanpadasana ) के बारे में पूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे. जैसा कि आप जानते है. इस आसन का अभ्यास सदियों से चला आ रहा है. इस आसन को करने के अनेक फायदे होते है. जिसके बारे में हम आपको जानकारी देंगे.
ऐशा नहीं है कि उत्तानपादासन ( Uttanpadasana ) करने के केवल फायदे ही होते है. इसके कुछ नुकसान भी होते है. जिसके बारे में आप आगे जानेंगे. इसके अलावा आप उत्तानपादासन कैसे करते है आदि के बारे में विस्तार से जनेगे.
उत्तानपादासन क्या है? – what is Uttanpadasana in Hindi
Uttanpadasana एक आसन है. इसे योगा भी कहा जाता है. इस आसन को करने से हमे मुख्य रूप से दर्द से जुड़ी समस्या में हमे काफी फायदा होता है. जो लोग कमर, कूल्हे के जोड़ और जुड़े दर्द की समस्या से परेशान है. उन लोगो को इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए.
उत्तानापादासन एक संस्कृत नाम है जिसमे “उत्ताना” का अर्थ है “तीव्र खिंचाव“, “पाद” का अर्थ है “पैर”और “आसन” का अर्थ है “मुद्रा” होता है. इन तीनों शब्दो को मिलाकर उत्तानापादासन शब्द बनाया गया है.
जो लोग अपने जीवन में शांति लाना चाहते हैं. उन लोगो को इस आसन का अभ्यास नियंत्रण करते रहना चाहिए. इस आसन को करने से मन शांत हो जाता है. इसके अतिरिक्त जो लोग अधिक चिंता करते है. उन लोगो को भी यह आसन करना चाहिए.
उत्तानपादासन कैसे करें – Uttanpadasana Kaise kare
उत्तानापादासन को उभरे हुए पैर की मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि अंतिम स्थिति में पैर जमीन से ऊपर उठाना पड़ता है. जिससे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है. कई समस्याओं से छुटकारा पा सकते है.
उत्तानपादासन करने की विधि – Uttanpadasana karne ki vidhi
नीचे हम आपको उत्तानपादासन करने की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे. जिससे आप इस विधि को आसानी से कर सके. और इसके नुकसान से भी बच सके.
- सबसे आपको एक चटाई पर पीठ के बल लेट जाना है.
- उसके बाद आपको अपने दोनो पैरो को एक साथ जोड़ लेना है.
- साँस लेते हुए, दोनों पैरों के पंजे और एड़ी को एक साथ रखते हुए दोनों पैरों के पंजे को ऊपर की तरफ ले जाने की कोशिश करें. लगभग 45 से 60 डिग्री के कोण मे या आप अपने सुविधा अनुसार इसे और अधिक भी उठा सकते है. लेकिन आपको इस बात को ध्यान रखना है की पैर उठाते समय घुटनों को न मोड़ें.
- सांस लेते हुए अपने पैर को ऊपर लेकर जाएं और सांस छोड़ते हुए पैर को नीचे लाएं. आप इस आसन का अभ्यास अपने सुविधा अनुसार कर सकते है.
उत्तानपादासन से पहले किया जाने वाला आसन – Uttanpadasana se pehle kiya jane wala asana
Uttanpadasana se pehle कौन सा आसन करना चाहिए. यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. ताकि आपको उत्तानपादासन करने समय कोई परेशानी ना हो.
- सर्वांगासन
- हलासन
- कर्नापीड़ासन
- ऊर्ध्व पद्मासन
- मत्स्यासन
- पिण्डासन
उत्तानपादासन करने के फायदे – Uttanpadasana ke fayde
Uttanpadasana करने के अनेक फायदे है. अगर कोई व्यक्ति इस आसन को करता है, तो उस व्यक्ति को इस आसन के फायदे के बारे में जान लेना बेहद जरूर है. उत्तानपादासन करने के किया फायदे है. इसके बारे में आप नीचे जान सकते है.
- उत्तानपादासन का अभ्यास उन लोगो को मुख्य रूप से करना चाहिए. जिन लोगो को मधुमेह रोग की समस्या है. मधुमेह रोग में इसका अभ्यास करने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है.
- अगर आप इसका अभ्यास नियमित करते है, तो इससे आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है. जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है.
- उत्तानपादासन का अभ्यास कर आप पाचन तंत्र की समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं. यह आपके पाचन तंत्र को ठीक करने का कार्य करता है.
- उत्तानपादासन का नियंत्रण अभ्यास करने से हमारी प्रजनन क्षमता काफी बेहतर हो जाती है.
- Uttanpadasana करने से हमारे शरीर में रक्त का संचार अधिक हो जाता है. जिससे हमे आगे काफी फायदा होता है.
- Uttanpadasana का अभ्यास करने से हमारे मन को काफी शांति मिलती है. जिससे हम चिंता मूक्त हो जाते हैं.
- मोटापे की समस्या से परेशान व्यक्ति को भी इस आसन का अभ्यास करना चाहिए. इसके अभ्यास से पेट की चर्बी को कम करने में काफी आसानी होती है.
- इस आसानी को करने से कमर दर्द की समस्या से भी छुटकारा मिलता है.
उत्तानपादासन करने के नुकसान – Uttanpadasana ke nukshan
Uttanpadasana का अभ्यास कौन कौन से रोग में नहीं करना चाहिए. इसके बारे में जान लेना चाहिए. जिससे इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. इस आसन को करने के किया नुकसान हो सकते है. नीचे की लाइन आप विस्तार से जान सकते है.
- 1. अल्सर की समस्या से परेशान व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
- गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान Uttanpadasana का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इससे उनके बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
- अगर किसी महिला का मासिक चक्र चालू है, तो उस महिला को भी Uttanpadasana नहीं करना चाहिए.
- जिस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या है. इस व्यक्ति को उत्तानपादासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.
- अगर कोई व्यक्ति पीठ दर्द की समस्या से परेशान है, तो उस व्यक्ति को उत्तानपादासन नहीं करना चाहिए.
- अगर आपके पेट में किसी तरह की चोट हो या आपके पेट में किसी तरह की सर्जरी हुए है, तो आपको ऐशा में इस आसन का अभ्यास करने से कुछ नुकसान भी हो सकते है. इसलिए बेहतर होगा कि आप इस आसन को ना करे.
उत्तानपादासन से बाद किया जाने वाला आसन – Uttanpadasana ke baad kiya jane wala asana
कुछ लोगो के मन में यह सवाल उत्तानपादासन करने के बाद उत्पन्न होता है कि अब इस आसन को करने के बाद कोन सा आसन करना चाहिए. नीचे हम आपको इस आसन को करने के बाद किए जाने वाले आसन की जानकारी देंगे. जिसे आप बिना किसी समस्या के कर सकते है.
- शीर्षासन
- तुलासन
- पद्मासन
- बद्ध पद्मासन
अर्ध उत्तानपादासन – Ardha Uttanpadasana in Hindi
- इस आसन को भी ठीक उसी तरह से किया जाता जैसा की आपको ऊपर की लाइन में बताया गया है.
- आसन को करने के लिए आपको दोनों पैर को ऊपर उठाने की जरूर नहीं पड़ती है. इसमें आपको एक पैर ऊपर उठाना पड़ता है.
- इस आसन में आपको सांस लेते हुए एक पैर को ऊपर उठाना है. और सांस छोड़ते हुए पैर को नीचे करना है. इस आसन को आप बारी बारी से दोनों पैरो से कर सकते हैं.
- Ardha Uttanpadasana की पूरी जानकारी हम आपको अपने अगले आर्टिकल में देंगे. आपको इस आर्टिकल में बस इतना कहना चाहेंगे. कि अगर आप अपने कमर दर्द की समस्या से परेशान है, तो इस आसन का अभ्यास करें.
उत्तानपादासन की वीडियो – Uttanpadasana ki video
नोट : Uttanpadasana से जुड़ा कोई भी सवाल हो आपके पास तक आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में लिखकर या हमारे email पर भेज सकते है. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे.