ज्ञान मुद्रा विधि, लाभ और सावधानियां – Gyan Mudra vidhi, benefits and side effect in Hindi

ज्ञान मुद्रा – Gyan Mudra in Hindi

दोस्तों आज हम आपको ज्ञान मुद्रा ( Gyan Mudra ) की जानकारी देंगे. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस मुद्रा का मुख्य अर्थ ज्ञान का भंडार होता है. इसे ऐशा इसलिए कहा गया है, क्यूंकि इस आसन के नियमित अभ्यास से हमारी ज्ञान कि सीमा में काफी बढ़ोतरी होती है. ( योग मुद्रसाना )

आज हम आपको इसी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताने की कोशिश करेंगे. ज्ञान मुद्रा करने के फायदे बहुत है. लेकिन लोगो को ऐशा लगता है. इस आसन को करने के कोई फायदे नहीं है. क्यूंकि यह बहुत ही सरल आसन है. 

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से काफी मजबूत हो जाते है. इस आसन का नियमित अभ्यास कर हम कई प्रकार के रोग से छुटकारा पा सकते है. यह हमारे तनाव को दूर करता है. ( वजरोली मुद्रा )

ज्ञान मुद्रा क्या है? – what is Gyan Mudra in Hindi

ध्यान अभ्यास के समय हाथों की स्थिति कैसी हो, यह महत्वपूर्ण विषय है. यद्यपि प्रारंभ में हाथों की स्थिति उतनी आवश्यक ना जाने पड़े. तथापि आदिकाल से संत महात्माओं और योगी जनों का कथन है कि हाथों की गलती स्थिति ध्यान की सफलता की संभावना को कम कर देता है. ( संभावी मुद्रा )

आत: जो साधना पत्र के नए यात्री है और जिन्हें अभी ध्यान का अनुभव प्राप्त करना है, उन्हें हाथों को यथा स्थिति में रखने की आवश्यकता पर बल देना है. ज्ञान मुद्रा ( Gyan Mudra ) ध्यान अभ्यास में सहायक और व्यापारिक है ज्ञान का अर्थ होता है चेतना एथार्थ चेतना की मुद्रा. ( योनि मुद्रा )

अंगूठे और तर्जनी के मिलने से वायु तत्व में वृद्धि होती है. इससे नकारात्मक विचार दूर होते हैं. बुद्धि का विकास होता है. एकाग्रता बढ़ती है. स्मरण शक्ति बढ़ती है और मानसिक शक्ति का विकास होता है. अतः विद्यार्थियों के लिए विशेष उपयोगी मुद्रा है. इसके नियमित अभ्यास से आंतरिक शक्तियां जागृत होती है. प्राण शरीर में संग्रहित होता है. ( मंडूकासना )

ज्ञान मुद्रा करने की विधि – Gyan Mudra steps in Hindi

ज्ञान मुद्रा ( Gyan Mudra ) करने की विधि काफी आसान है. लेकिन फिर भी इस आसन को कई लोग नहीं कर पाते है. उन्ही की सुविधा के लिए हमने नीचे ज्ञान मुद्रा करने की सबसे सरल विधि की जानकारी दी है. जिससे कोई भी व्यक्ति इस आसन का लाभ आसानी से उठा सके. ( शीर्षासन )

  • सबसे पहले आपको एक ऐसी जगह ढूंढनी होगी. जिस स्थान पर किसी तरह का शोर शराबा ना हो. उसके बाद आपको वहां पर एक चटाई बिछा लेनी है. 
  • उसके बाद आपको पद्मासन या वज्रासन की स्तिथि में बैठ जाना चाहिए.
  • जब यह हो जाए. तब आप अपने हथेलियों को घुटनों के ऊपर रख दें. याद रखे हाथ आकाश की तरफ सीधी होनी चाहिए.
  • इसके बाद आप अपनी तर्जनी को मोड़कर उसके अगले भाग को अगुठे से मिला दें. जैसा आप फोटो में देख रहे है.
  • अब ॐ शब्द का उच्चारण करते हुए. अपने आप को पूरी तरह से शांत कर देना है.

ज्ञान मुद्रा के फायदे – Gyan Mudra benefits in Hindi

अब बात आती है ज्ञान मुद्रा के फायदे कि तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस आसन को करने के अनेक फायदे है. लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत से लोग ज्ञान मुद्रा का अभ्यास नहीं करते है. जिससे आगे चलकर उन्हे काफी समस्या का भी सामना करना पड़ता है. ( कपालभाती प्राणायाम )

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास जो लोग नियमित रूप से करते है, उन्हे कई तरह की समस्या से मुक्ति मिल जाती है. इसलिए जब भी कोई योगा विशेषज्ञ किसी को योगा करने के लिए बोलता है, तो उस व्यक्ति को ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने की अवश्य सलाह देता है. ( ध्यान मुद्रा )

इसलिए नीचे हम ज्ञान मुद्रा के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की है. ताकि लोग ज्ञान मुद्रा के फायदे के बारे में जानकर इस आसन का अभ्यास करना शुरू कर दें और उन्हे काफी लाभ भी मिले. ( भ्रामरी प्राणायाम )

  • ज्ञान मुद्रा का अभ्यास से सबसे अधिक फायदा हमारे मस्तिष्क को होता है. यह हमरे मस्तिष्क की कार्य क्षमता में काफी वृद्धि करता है. और हमारे मस्तिष्क का विकास भी तेज़ गति से करता है. जिससे हमे आगे चलकर काफी फायदा मिलता है. 
  • जैसा कि एक रिसर्च में पाया गया है कि कोई भी व्यक्ति अपने मस्तिष्क का केवल 10% हिस्सा ही उपयोग में लाते है. लेकिन अगर आप ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करते है, तो यह आपके मस्तिष्क का उपयोग कई गुना तक बढ़ा देते है. जिससे हम कोई भी कार्य ज्यादा अच्छे तरीके से कर पाते है.
  • अगर कोई बालक बचपन से ही मंदबुद्धि है या उसके मस्तिष्क का विकास नहीं हो रहा है, तो ऐसे बालक को उनके माता पिता को ज्ञान मुद्रा का अभ्यास अवश्य करवाना चाहिए. इससे उनके मस्तिष्क का विकाश काफी तेज़ गति से होने लगता है.
  • ज्ञान मुद्रा का अभ्यास से हम अपने गुस्से को भी काबू किया जा सकता है. इसलिए इस आसन का अभ्यास उन लोगो को करना चाहिए. जिन लोगो को बात बात पर गुस्सा आ जाता है.
  • अगर आपको हमेशा चिड़चिड़ापन सा महसूस होता है. तो ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
  • ज्ञान मुद्रा का अभ्यास हमारे तंत्रिका तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी है. यह हमारे तंत्रिका तंत्र को मजबूत कर देता है.
  • अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो आप इस आसन का अभ्यास कर अपना रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत कर सकते है.
  • पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या होने पर भी आप ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं. जिसका पाचन तंत्र काफी कमजोर है. उन लोगो को इस आसन का अभ्यास अवश्य तौर पर करना चाहिए.
  • अगर किसी व्यक्ति की याद रखने की क्षमता काफी कमजोर है, तो वह व्यक्ति ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर अपनी याद रखने की क्षमता को काफी बढ़ा सकते है.
  • ह्रदय रोग, त्वचा रोग, चेहरे के दाग जैसी कोई भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति इस आसन का सहारा ले सकता है. ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने से उन्हे काफी लाभ मिलता है.
  • ज्ञान मुद्रा हमे अंदर से शांत रहने में काफी मदद करता है. जो लोग अंदर से बेचैन रहते है. वह लोग इस आसन का अभ्यास कर अपने मन को पूरी तरह से शांत कर सकते है.
  • इस आसन को नियमित से कर हम अपने आत्मविश्वास को काफी बढ़ा सकते हैं.
  • Gyan Mudra का अभ्यास करने से केवल पुरषों को ही नहीं महिलाओं को भी काफी फायदा मिलता है. यह महिलाओं से जुड़ी कई प्रकार की समस्या में काफी लाभप्रद साबित होता है.

ज्ञान मुद्रा करने का सही समय – Gyan Mudra timing in Hindi

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करते वक्त लोगो में कुछ कन्फ्यूजन अवश्य रहता है. कन्फ्यूजन का मुख्य कारण होता है. इस बात की चिंता कि इस आसन का अभ्यास कब करना चाहिए. क्यूंकि इस आसन को करने की लोगो कि अलग अलग राय होती है. केवल विशेषज्ञ ही इस आसन को करने की सही जानकारी दे सकते है. ( सूर्य नमस्कार )

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आम तौर आपको ज्ञान मुद्रा का अभ्यास सुबह के समय करना चाहिए. वैसे आप इस आसन का अभ्यास दोपहर या शाम के समय भी कर सकते है. लेकिन जब भी आप इस आसन का अभ्यास करें. उससे पहले किसी भी तरह का भोजन ग्रहण ना करें. ( चंद्र नमस्कार )

ज्ञान मुद्रा करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – Gyan Mudra side effect in Hindi

Gyan mudra का अभ्यास करना यूं तो काफी आसान है. लेकिन फिर भी ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करते समय कुछ सावधानी बर्तन आवश्यक है. जिससे इस आसन से होने वाली नुकसान से बचा जा सके. 

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करने से पहले एक बात का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है. इस आसन को हमेशा खाली पर ही करना चाहिए. अगर आपके भोजन ग्रहण कर लिया है, तो कृपया इस आसान का अभ्यास ना करें. 

जब आप ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर लें, तो इसके तुरंत बाद आपको भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. ज्ञान मुद्रा करने के कम से कम 1 घंटे बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए. 

ज्ञान मुद्रा का अभ्यास के दौरान अगर आपके हाथ में किसी तरह का दर्द महसूस हो या इस आसन को करने में कोई कठिनाई का सामना करना पड़े, तो आपको इस आसन का अभ्यास से बचना चाहिए. इसके अतिरिक्त अगर आपके गरदन में दर्द हो, तो भी इस आसन को ना करें. 

ज्ञान मुद्रा वीडियो – Gyan Mudra video  

इस आर्टिकल में Gyan Mudra video डालना बहुत जरूरी था. क्यूंकि लोग आर्टिकल पढ़ने के साथ साथ वीडियो देखना भी पसंद करते है. इसके अतिरिक्त जो लोग पहली बार योगा का अभ्यास शुरू करते हैं. उन्हे आर्टिकल में उतना कुछ खास समझ में नहीं आता है. 

जिस वजह से शुरू में लोग आर्टिकल और वीडियो दोनों पसंद करते है. इसलिए हमने आपकी सुविधा के किए Gyan Mudra video भी एड कर दिया है. इसके अतिरिक्त आर्टिकल में वीडियो डालने के और भी कई फायदे है. जिसके बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे आपने अगले आर्टिकल में जब तक आप Gyan Mudra का अभ्यास कर सकते है. 

ज्ञान मुद्रा निष्कर्ष – Gyan Mudra Conclusion

अंत में हम यही कहेंगे कि ज्ञान मुद्रा काफी का अभ्यास करना काफी आसान है, क्यूंकि ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कोई भी व्यक्ति बिना किसी समस्या के कर सकता है. इससे हाथ या पैर में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होती है. 

इस आसन का अभ्यास केवल हाथो के माध्यम से भी किया जा सकता है. इसलिए इसे हस्तमुद्रा के नाम से भी जाना जाता है. अगर आप Gyan Mudra का अभ्यास काफी समय तक करते है, तो इससे आपको शारीरिक और मानसिक रूप से काफी लाभ प्राप्त होता है. जिसके बारे में हमने ऊपर विस्तार पूर्वक जानकारी दी है. 

नोट : अगर आपके मन में Gyan Mudra से जुड़ा कोई भी सवाल हो, तो आप हमसे उस सवाल का जवाब e-mail के जरिए पा सकते है. हम आपके सभी e-mail का जवाब देने की कोशिश करेंगे. योगा विशेषज्ञ साइमा. 

Leave a Comment

error: