कपालभाति प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानियां – Kapalbhati Pranayama vidhi, benefits and side effect

कपालभाति प्राणायाम – Kapalbhati Pranayama in Hindi

दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे योगा या प्राणायाम के बारे में जानकारी देंगे, जिसके नियंत्रण अभ्यास से आप अपने शरीर को निरोगी बना सकते है. जिसे हम कपालभाति प्राणायाम ( Kapalbhati Pranayama ) या Kapalbhati yoga के नाम से जानते है. 

आज हम आपको कपालभाति प्राणायाम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे. लोग अक्सर पर कुछ इस तरह की क्वेरीज सर्च करते है. kapalbhati kaise kare, kapalbhati pranayam kaise kare, kapalbhati kaise karte hain, कपालभाति प्राणायाम कैसे करें आदि. इन सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल के जरिए बताने की कोशिश करेंगे. 

कपालभाति प्राणायाम क्या है? – Kapalbhati Pranayama kya hai

Kapalbhati Pranayama एक तरह का योगा है. जिसके अभ्यास से हम कई प्रकार के रोग से छुटकारा पा सकते हैं. आप कह सकते है. कि आप अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने के लिए इस योगा का अभ्यास कर सकते है. इस प्राणायाम को कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है. इस योग को करने के लिए उन्हे किसी योगा गुरु की भी आवश्यकता नहीं है. 

आप कह सकते हैं कि कपालभाति प्राणायाम एक ऐशा प्राणायाम जिसको कर हम अपने पूरे शरीर को स्वस्थ रख सकते है. अगर आप इसका अभ्यास करना शुरू कर देते है, तो यह बहुत कम समय में ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है. नीचे के लाइनों में आपको इसकी अधिक जानकारी प्राप्त होगी. 

कपालभाति प्राणायाम कितने प्रकार का होता है? – Kapalbhati Pranayama kitne parkar ka hota hai 

आम तौर पर देखा जाए, तो कपालभाति प्राणायाम 3 प्रकार का होता है. भस्त्रिका प्राणायाम, विमुक्तकर्म कपालभाति, शीतकर्मा कपालभाती आदि कपालभाति प्राणायाम के ही प्रकार है. 

कपालभाति प्राणायाम कब करना चाहिए – Kapalbhati Pranayama kab karna chahiye 

Kapalbhati Pranayama को आपको सुबह के समय करना चाहिए. सुबह के समय आप इस आसानी को खाना खाने से पहले करना चाहिए. खाना खाने के बाद इस आसन को करना चाहिए. 

कपालभाति प्राणायाम कैसे करना चाहिए – Kapalbhati Pranayama kaise karna chahiye

Kapalbhati Pranayama दिखने में जितना आसान होता है. इसे करना उतना आसन नहीं है. इसे करने के लिए आपको योगा का अच्छा अभ्यास होना चाहिए. आपको इस योगा से लाभ प्राप्त करने के लिए इस योग को सही विधि से करना पड़ेगा. नीचे हम आपको Kapalbhati karne ki vidhi के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे. 

  • Kapalbhati मुद्रा को करने के लिए आपको पहले ध्यान मुद्रा बैठ जाना है. उसके बाद आप पद्मासन क्रिया में चले जाए. 
  • अब आपको अपने रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा कर लेना है और अकबर हाथो को घुटनों के ऊपर रख देना है. जैसा आप नीचे की वीडियो में देख सकते है.
  • उसके बाद आपको अपनी आंखो को बंद कर लेना है. और आपने आप को धीरे धीरे पूरा हल्का छोड़ देना है. उसके बाद आप एक गहरी सांस ले. इस दौरान आपको पेट बाहर रहने चाहिए. उसके बाद जब आप अपनी सांस को धीरे धीरे बाहर की ओर छोड़ दें. इस दौरान आप अपने पेट को अंदर की तरफ रखें.
  • इस क्रिया को आप अपने सुविधा अनुसार जितनी बार चाहे कर सकते है. जब इस आसान को आप कर लें. उसके बाद कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहें.

कपालभाति प्राणायाम के फायदे – Kapalbhati Pranayama ke fayde 

Kapalbhati Pranayama करने के फायदे तो बहुत है. लेकिन हम आपको नीचे कुछ फायदे के बारे में ही बता रहे है. इस आसन को करने के किया फायदे हो सकते है. इसके बारे में आप आगे नीचे की लाइनों में जान सकते हैं. 

  • Kapalbhati yoga या Pranayama करने का सबसे बड़ा फायदा उन लोगो को होता है. जिनके शरीर में बहुत अधिक मात्रा में चर्बी कम जाती है. यह आपके शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा चर्बी को घटाने में काफी मदद करता है. मोटे व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए. 
  • अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है, तो आप इस क्रिया का अभ्यास कर अपने पाचन तंत्र को मजबूत कर सकते है.
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के किए भी इस आसन का अभ्यास किया जा सकता है.
  • मधुमेह रोग की समस्या से परेशान व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए. इसके अभ्यास से उनका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है.
  • अगर कोई व्यक्ति अस्थमा रोग से परेशान है, तो उस व्यक्ति को Kapalbhati yoga का अभ्यास अवश्य करना चाहिए. इससे उन्हे काफी लाभ प्राप्त होता है. और अस्थमा रोग जड़ से खतम हो जाता है.
  • Kapalbhati yoga का अभ्यास करने से आप अंदर से अच्छा फील करते है, जिससे आप पूरा दिन चुस्त दुरुस्त रहते हैं. इसका अभ्यास करने से आपके अंदर से सस्ती और थकावट दूर हो जाती है.
  • इस आसन के अभ्य से हमारी शरीर की नाड़ी शुद्ध हो जाती है.

कपालभाति प्राणायाम करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – Kapalbhati Pranayama ke nukshan

आम तौर पर कपालभाति प्राणायाम करने के कोई नुकसान तो नहीं है. लेकिन फिर भी इस प्राणायाम को करने से पहले कुछ सावधानी बरतनी चाहिए. जिससे कपालभाति प्राणायाम से होने वाली हानि से बचा जा सके. 

1. अगर आप एक महिला है, तो आप आसान को तो आसानी से कर सकती है. लेकिन आपको इस आसन को करने से पहले एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए. इस आसन को कोई भी महिला मासिक धर्म के ना करे, इससे आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 

2. अगर किसी व्यक्ति के रीढ़ की हड्डी में कोई परेशानी या तकलीफ़ है. तो उस व्यक्ति को भी कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इससे उनके रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. जिससे उनके रीढ़ की हड्डी के टूटने का डर भी बना रहता है. 

3. अगर आप किसी रोग से ग्रस्त थे और आपके पेट की किसी प्रकार की सर्जरी हुए हो, तो आपको इस कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इसके सेवन से आपके पेट में तकलीफ़ हो सकती है. 

4. कार्डियक से जुड़ी समस्या वाले लोगो को भी यह आसन करने की सलाह नहीं दी जाती है. इसलिए अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से परेशान है, तो उसे कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए. 

5. इस आसन को कभी भी ऐसी जगह पर नहीं करना चाहिए, जहां का वातावरण काफी गरम हो, और जहां धूल या धुएं मौजूद हो. इसे आप अपने बंद कमरे में भी नहीं कर सकते है. इसे हमेशा खुली जगह पर करना चाहिए. 

6. गर्भवती महिला को इस कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इसे आपको गर्भावस्था के बाद कुछ महीनों तक नहीं करना चाहिए. इसे आप योग गुरु से सलाह लेने बाद कर सकते है. 

7. Kapalbhati Karne Ka Samay का सबसे उत्तम समय सुबह का समय है. इसे अगर आप सुबह के समय करते है, तो यह अपने लिए अधिक लाभदायक होता है. 

8. अगर आपको कमर से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इस आसन को करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें. 

कपालभाति प्राणायाम का वीडियो – Kapalbhati Pranayama video 

नोट : कपालभाति प्राणायाम के बारे में कोई और प्रश्न है, तो हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताएं. हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगें. इसके अलावा आप हमे e-mail पर मैसेज भी कर सकते है. 

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