शवासन विधि, लाभ और सावधानियां – Shavasana vidhi, benefits and side effect in Hindi

शवासन – Shavasana in Hindi

दोस्तों आज हम आपको शवासन ( Shavasana ) से जुड़ी कई अहम जानकारी देंगे. वैसे जिन लोगो ने इस आसन का अभ्यास इससे पहले किया है. उन्हे शवासन की जानकारी काफी अच्छे से होगी. लेकिन जो लोग अभी तक इस आसन का अभ्यास नहीं किए है. ( योग मुद्रसाना )

उन्ही लोगो की जानकारी के लिए हम आज शवासन की समुचित जानकारी आपको देंगे. शवासन का अभ्यास हमारे लिए काफी लाभदायक सिद्ध होता है, क्यूंकि यह हमारे तन और मन को पूर्ण शांति देता है. Shavasana का अभ्यास हमारे लिए और भी कई तरीके से लाभदायक है. 

शवासन क्या है? – what is Shavasana in Hindi

शरीर स्वस्थ रहता है, तो जीवन सरल, सफल व सबल हो जाता है. निरोग शरीर के लिए आहार, व्यायाम और निद्रा की आवश्यकता होती है. आज के तनाव भरे जीवन में शवासन रिलैक्सेशन के लिए अहम उपाय है. शवासन से तन और मन दोनों शांत और चिंंता मुक्त हो जाते हैं. शरीर को विभिन्न बीमारियों से छुटकारा मिलता है. ( वजरोली मुद्रा )

शव का अर्थ है मृत. यानी इस आसन में मृत शरीर की तरह बनना होता है. इस आसन को हर उम्र में कर सकते हैं. यह आसन बेहद सरल है. इसे कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है. इसे किसी भी समय किया जा सकता है. भोजन के 1 घंटे बाद ही इस आसन का अभ्यास करना चाहिए. ( संभावी मुद्रा )

शवासन तन और मन दोनों को शांत करता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है. इस क्रिया को करने से स्नायु दुर्बलता, थकान तथा नकारात्मक चिंतन दूर होते हैं. शरीर, मन एवं मस्तिष्क को पूर्ण विश्राम, शक्ति, उत्साह एवं आनंद मिलता है. ( योनि मुद्रा )

शवासन करने की विधि – Shavasana karne ki vidhi 

पीठ के बल सीधे जमीन पर लेट जाएं. पैरों में लगभग 1 फुट का अंतर हो तथा दोनों हाथों को जांघ से थोड़ी दूरी पर रखते हुए हाथों को ऊपर की ओर खोल कर रखें. आंखें बंद करें, गर्दन सीधी, पूरी शरीर तनाव रहित अवस्था में हो. ( मंडूकासना )

धीरे-धीरे 4 से 5 लंबी गहरी सांस ले और छोड़ें. अब मन द्वारा शरीर के प्रत्येक भाग को देखते हुए संकल्प द्वारा एक एक अवयव को शिथिल तथा तनाव रहित अनुभव करना है. अब हमें शरीर को पूर्ण विश्राम देना है. इसके लिए भी हमें शरीर के विश्राम का संकल्प करना होगा. ( शीर्षासन )

सर्वप्रथम बंद आंखों से ही मन की संकल्प शक्ति द्वारा पैरों के अंगूठे एवं उंगलियों को देखते हुए नितांत ढीला और तनाव रहित अनुभव करें. अब पिंडलियों को देखें और विचार करें कि मेरी पिंडलियों पूर्ण रूप से स्वास्थ्य, तनाव रहित एवं पूर्ण विश्राम की अवस्था में हो. ( कपालभाती प्राणायाम )

पिंडलियों के बाद अब घुटनों को देखते हुए उनको स्वस्थ, तनाव रहित एवं पूर्ण विश्राम की अवस्था में अनुभव करें. मन ही मन अपनी जांघों को देखें और उनको भी पूर्ण विश्राम की दशा में अनुभव करें. जांघों के बाद धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी भाग कमर, पेडू, उधर एवं पीठ को सस्त पूर्वक देखते हुए पूर्ण स्वस्थ और तनाव रहित अनुभव करें. ( ध्यान मुद्रा )

अब शांत भाव से मन को हृदय पर केंद्रित करते हुए हृदय की धड़कनों को सुनने का प्रयास करें और विचार करें, कि हृदय पूर्ण स्वस्थ है. हृदय एवं फेफड़ों को शिथिल करते हुए अपने कंधों को देखकर और उनको तनाव रहित नितांत शिथिल अवस्था में अनुभव करें. ( भ्रामरी प्राणायाम )

फिर क्रमशः भुजाओं, कोहानियों, कलाइयों सहित दोनों हाथों की उंगलियों एवं अंगूठे को भी देखें और पूरे हाथ को तनाव- रहित पूर्ण विश्राम की अवस्था में अनुभव करें. अब अपने चेहरे को देखें और विचार करें, कि मुख पर चिंता तनाव निराशा का कोई भाव नहीं है. ( सूर्य नमस्कार )

इस प्रकार शरीर और मन को शिथिल करते हुए अपने नकारात्मक विचारों को हटाए, क्योंकि नकारात्मक विचार से ही व्यक्ति दुखी अशांत एवं रोगी होता है. अगर आपको समझ में ना आएं, तो नीचे दिए गए वीडियो को देखकर सावधानी से इस आसन का अभ्यास करें. ( चंद्र नमस्कार )

शवासन के फायदे – Shavasana benefits in Hindi

Shavasana करने से शरीर के सभी अंगों को लाभ मिलता है और विश्राम मिलता है. शवासन करने से तन, मन शांत होते हैं, जिससे रक्त का प्रवाह ठीक होता है. हृदय से जुड़ी हुई समस्याओं में राहत मिलती है. शवासन करने से एकाग्रता व स्मरण शक्ति बढ़ती है. मस्तिष्क शांत होता है.

दिमाग की काम करने की क्षमता बढ़ती है. शवासन ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में बहुत ही सार्थक भूमिका निभाता है. शवासन करते समय आरामदायक स्थिति में होने के कारण शरीर तनाव मुक्त होता है. तनाव, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग तथा अनिद्रा के लिए यह क्रिया अभ्यास सर्वोत्तम है. 

शवासन करने से अनिद्रा दूर होती है. यदि किसी को नींद ना आती हो, तो सोने से पहले शवासन करें. स्नायु पीड़ित रोगियों और न्यूरो अस्थमा के रोगियों के लिए स्वासन लाभकारी हैै. इससे ध्यान की स्तिथि का विकास होता है. आसन करते हुए बीच-बीच में स्वासन करने से थोड़ी ही समय में शरीर की थकान दूर हो जाती है. 

शवासन करने का समय – Shavasana karne ka samay

यह बहुत ही इंट्रेस्टिंग प्रश्न है. क्यूंकि हर व्यक्ति के मन में यह सवाल चलता है. शवासन का अगर आप अधिक से अधिक लाभ लेना चाहती है, तो आपको इस आसन का अभ्यास सुबह के समय में करना चाहिए. इससे आपको बहुत जल्दी अधिक से अधिक फायदा मिलेगा. 

शवासन करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – Shavasana side effect in Hindi

Shavasana करते वक्त आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. लेकिन आपको इस आसन को करने का फायदा यह है कि इस आसन का अभ्यास करने से आपको किसी तरह को समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. शवासन का अभ्यास आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

शवासन वीडियो – Shavasana videos

शवासन ( Shavasana ) का अभ्यास हमारे शरीर के लिए कई तरह से उपयोगी और फायदेमंद है. लेकिन यह आसन हमारे लिए पूर्ण उपयोगी तभी होता है जब हम शवासन का अभ्यास सही तरीके से करें. इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम Shavasana videos की मदद लें. 

नोट : अगर आपके पास शवासन ( Shavasana ) से जुड़ा किसी भी तरह का प्रश्न है, तो आप हमसे उस प्रश्न का जवाब पा सकते है. आपको बस हमारे दिए हुए ईमेल पर मैसेज करना है. 

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