अष्टवक्रासन विधि, लाभ और सावधानियां – Astavakrasana vidhi, benefits and side effect in Hindi

अष्टवक्रासन – Astavakrasana in Hindi

दोस्तों आज हम आपको अष्टवक्रासन के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे. इस आसन को करने से आपको कई तरह से लाभ प्राप्त होते हैं. जिसकी जानकारी आपको नीचे विस्तार से जानने को मिलेगा. इसके अलावा Astavakrasana से जुड़ी और भी कई सवालों के जवाब आपको प्राप्त होंगे.

स्वांस : पैरों को जमीन से ऊपर उठाते समय और सिर एवं धड़ को अंतिम स्थिति में ही चलाते समय सांस छोड़ें. अंतिम स्थिति में सामान्य सांस लें. पैरों को बगल में फैलाते समय और अंतिम स्थिति में धड़ को पर उठाते समय सांस भीतर ले.

सजगता : शारीरिक संतुलन बनाए रखने पर अध्यात्मिक मणिपुर चक्र पर. इस आसन के बाद स्वशासन या अद्वासं करें. 

अष्टवक्रासन क्या है? – what is Astavakrasana in Hindi

शरीर स्वस्थ है, तो संपूर्ण जीवन यात्रा ही बहुत सरल, सफल और सुफल हो जाती है. निरोग शरीर के लिए सम्यक आहार, सम्यक व्यायाम और समय अनिद्रा अति आवश्यक है. योग शास्त्र में योगासन को पूर्ण व्यायाम कहा है. 

जो शरीर को लचीला, सबल और निरोगी बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अधिकतर लोगों की शारीरिक गतिविधियों में समान भी नहीं रहता है, जिसके कारण शरीर को अचानक गिरने या चीजों से टकराने से बचने के लिए लगातार अतिरिक्त प्रयास करते रहना पड़ता है.

संतुलन के आसन मस्तिष्क, केंद्र व लघु मस्तिष्क को विकसित करते हैं. इससे शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह आसान शारीरिक संतुलन लाते हैं. जिससे अचेतन रूप से होने वाली शारीरिक हलचल समाप्त हो जाती है.

संतुलन के आसनों को विस्तार पूर्वक करने के लिए जिस एकाग्रता की अधिकता होती है. उससे भावनात्मक, मानसिक एवं आत्मिक स्तरों पर भी एकाग्रता और संतुलन का विकास होता है. अष्टवक्रासन संतुलन के आसनों में से एक बेहतरीन आसन है. 

यह वक्रासन ऋषि अष्टवर्क को समर्पित है, जो मिथिला के राजा जनक के गुरु थे. जब वे अपनी माता के पर में थे. उनके पिता कगोल ने वेद पाठ में कई गलतियां की. यह सुनकर गर्भस्थ ऋषि हंस दिए. पिता क्रोध हो गए और उन्होंने साफ दे दिया कि तुम वक्र पैदा होगे. अंततः 8 अंकों से तेरे मेडे पैदा हुए इसलिए अष्टवार्क कहलाए. 

अष्टवक्रासन करने की विधि – Astavakrasana karne ki vidhi 

पंजे के बीच लगभग आधे मीटर की दूरी रखकर खड़े हो जाएं. घुटनों को मोड़ लें. दाईं हथेली को दोनों पंजों के बीच जमीन पर और बाईं हथेली को बाय पंजे के थोड़ा आगे रखें. दाएं पैर को दाएं भुजा के ऊपर इस प्रकार रखें कि दाहिनी जांघ कोहनी के ठीक ऊपर दाहिनी भुजा के ऊपरी भाग पर रहे.

बाय पंजे को आगे भुजाओं के बीच ले आए, जिससे वह दाएं पंजे के निकट रहे. दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं. बाएं पंजे को दाएं टखने पर रखकर पैरों को आपस में फसा दे. यह सुनिश्चित करले की दाई भुजा जांघों के मध्य में हो.

दाएं कोहनी को जांघों के नीचे थोड़ा झुका लें और बाएं भुजा को सीधा रखें. भुजाओं पर संतुलित स्थापित करें. कहानियों को मोड़े. धड़ एवं सिर को तब तक नीचे लाएं, जब तक वे जमीन के समानांतर ना हो जाए.

यह अंतिम स्थिति है. जब तक आराम से संभव हो, इस स्थिति में रुके भुजाओं को सीधा करें और धड़ को ऊपर उठाएं. पैरों को अलग करें और उन्हें जमीन पर ले आए। प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.

 

अष्टवक्रासन के फायदे – Astavakrasana benefits in Hindi

यह आसन संपूर्ण शरीर और मस्तिष्क में तंत्रिका नियंत्रण का विकास करता है. यह अपान के प्रवाह की दिशा को वितरित कर देता है. ऊर्जा को मणिपुर चक्र की और प्रभावित करता है और ब्रह्मचर्य पालन में सहायक होता है. यह कलाइयां, भुजाओं और पैरों की पेशियों को सुदूर बनाता है और साथ ही उधर की पेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है.

अष्टवक्रासन करने का समय – Astavakrasana karne ka samay

Astavakrasana धीमी गति से सुख की अनुभूति करते हुए करें. शौच के बाद सुबह का समय योगासन के लिए सबसे उपयुक्त है. सूर्योदय के 1 घंटे पहले से 1 घंटे बाद तक वायु में ऑक्सीजन एवं प्राण शक्ति की मात्रा सबसे अधिक होती है. यह आसन का बहुत ही उपयुक्त समय है. 

खुली हवा में, हवादार कमरे में या बगीचे में योगासन करना चाहिए. सांस पर ध्यान रखें. सरल नियम है, कि जब हम शरीर को फैलाते हैं. सांस अंदर ले और जब हम शरीर को सिकुड़ते हैं सांस बाहर छोड़ें. समझ ना आए, तो स्वाभाविक सांस ले. जमीन पर दरि या मोटी चादर बिछाकर आसन करें, ताकि आपकी उर्जा जमीन में विसर्जित ना हो.

अष्टवक्रासन करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – Astavakrasana side effect in Hindi

किसी भी आसन का अभ्यास करने से पूर्व उस आसन के अभ्यास के समय किया सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि अगर कोई नुकसान हो, तो उससे बचा जा सके. अष्टवक्रासन का अभ्यास करते समय आपको काफी बातों का ध्यान रखना चाहिए. क्यूंकि इस आसन का अभ्यास करना काफी कठिन होता है. अष्टवक्रासन का अभ्यास हमेशा किसी योगा विशेषज्ञ की देख रख में ही करना चाहिए. 

अष्टवक्रासन वीडियो – Astavakrasana videos

Astavakrasana videos के माध्यम से आप इस आसन को सरल पूर्वक सीख सकते है. इसलिए हमने अपने आर्टिकल में वीडियो की सुविधा भी डाली है. जिससे आपको किसी तरह को समस्या का सामना ना करना पड़े. 

नोट : Astavakrasana के बारे में कोई भी सवाल होने पर आप हमसे संपर्क कर सकते है. हम आपके हर तरह के सवालों का जवाब देने का प्रयास करेंगे. 

 

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