वज्रासन विधि, लाभ और सावधानियां – Vajrasana vidhi, benefits and side effect in Hindi

वज्रासन – Vajrasana in Hindi

दोस्तों आज हम आपको Vajrasana के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की कोशिश करेंगे. जो लोग वज्रासन का अभ्यास करते है. उन लोगो को कई फायदे होता है. हम आपको वज्रासन करने के फायदे, वज्रासन करने के नुकसान, वज्रासन कैसे किया जाता है. इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे. 

इसके अतिरिक्त नियंत्रण Vajrasana का अभ्यास करने वालो के मन में और भी कई तरह के सवाल उठते है. जिसके बारे में आपको जानकारी देना बहुत जरूरी है. जिस वजह से लोग जागरूक हो सके. नीचे हम आपको वज्रासन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे. 

वज्रासन क्या है? – what is Vajrasana in Hindi

जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे वज्रासन ( Vajrasana ) एक आसन है. जिसको करने के काई फायदे होते है. इस आसन को करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है. कि पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या में काफी लाभदायक होता है. वज्रासन एक संस्कृत नाम है. जिसका नाम संस्कृत के शब्द “वज्र” से लिया गया है, जो की हिन्दू देवता इंद्र का शास्त्र है जिसका अर्थ “बिजली”, “हीरा” होता है और “आसन” जिसका अर्थ है “योग करते समय बैठने की मुद्रा. 

आधुनिक जीवनशैली के कारण पुरुष और महिलाओं में अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही है. ऐसी ही एक समस्या है पाचन शक्ति का कमजोर होना, जो कई रोगों को जन्म देता है. Vajrasana ना केवल पाचन क्रिया को ठीक करता है, बल्कि शरीर को हमेशा सुंदर तथा निरोग बनाए रखता है.

वज्रासन को विरासन भी कहते हैं. इस आसन में शरीर वज्र की तरह मजबूत व शक्तिशाली होता है. इसलिए इसे वज्रासन कहते हैं. हठयोग में इस आसन का बहुत महत्व है, क्योंकि इस आसन को करने से आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है. 

इस आसन का अभ्यास स्त्री-पुरुष दोनों समान रूप से अधिक समय तक आसानी से कर सकते हैं. वज्रासन को भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है.

वज्रासन करने की विधि – Vajrasana karne ki vidhi 

वज्रासन के लिए सबसे पहले चटाई पर सामान्य स्थिति में बैठ जाएं. अब अपने दाएं पैर को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर ले जाएं और दाएं नितंबों के नीचे लगाएं. एड़ी को शरीर से सटाकर तथा पंजे को ऊपर की ओर रखें. इसमें घुटने से पैर की उंगलियों तक का भाग फर्स से बिल्कुल सटाकर रखें.

फिर बाएं पैर को भी घुटनों से मोड़कर पीछे की और नितंब से लगाए. दोनों घुटने को मिलाकर रखें तथा तलवों को अलग- अलग रखें. अब दोनों हाथों को तानकर घुटनों पर रखें और अपने पूरे शरीर का भार एड़ी और पंजों पर डाल कर बैठ जाए.

अपने कमर, रीढ़ की हड्डी, सिर आडक को बिल्कुल सीधा व तान कर रखें. इस स्थिति में आने के बाद दृष्टि को नाक के अगले भाग पर टिका कर सामान्य रूप से सांस लें और छाती को फुलाएं. इस स्थिति में 10 से 15 मिनट तक रहें.

वज्रासन से पहले किया जाने वाला आसन – Vajrasana se pehle kiya jane wala asana

आप Vajrasana करने से पहले कुछ और आसन का सहारा ले सकते है. जिससे आपको वज्रासन करने में काफी आसानी हो. नीचे आपको यूं सभी आसनों का नाम दिया गया है. 

  • शलभासन
  • अर्ध शलभासन

वज्रासन करने के फायदे – Vajrasana ke fayde 

Vajrasana ke fayde किया है. इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार में इसके फायदे के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे. जिससे आपको इस आसन को करने के फायदे के बारे में पता चल सके. 

  • अगर आपका वजन बहुत अधिक है, तो आपको इस आसन का अभ्यास नियंत्रण करना चाहिए. इससे आपके पेट की चर्बी को कम करने में काफी मदद मिलती है. 
  • अगर आपको मासिक चक्र के दौरान ऐंठन की समस्या होती है, तो आप इस आसन का अभ्यास कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते है.
  • अगर आपकी मशपेशियां से जुड़ी कोई समस्या है या आपको मांशपेशियां कमजोर है, तो आपको इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए.
  • इस आसन के अभ्यास से हमारी पीठ की हड्डी काफी मजबूत होती है

वज्रासन करने के नुकसान – Vajrasana ke nukshan

Vajrasana का अभ्यास कुछ रोगों में नहीं करना चाहिए. इसका अभ्यास करते वक्त कुछ सावधानी बरतनी चाहिए. जिससे इन रोगों में इसका अभ्यास करने से होने वाले रोग से बचा जा सके. 

  • 1. अगर आपको घुटनों से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए. अगर आप की कोई घुटनों की सर्जरी हुए है, तो आपको इसका अभ्यास कभी नहीं करना चाहिए.
  • अगर आप गर्भावस्था के दौरान इस आसन को करना चाहती है, तो आपको इस आसन को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए. अगर आप इस अभ्यास में माहिर है, तो आसन को आसानी से कर पाएंगे.
  • अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो आपको वज्रासन का अभ्यास करना चाहिए. इससे आपका रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत हो जाती है.
  • अगर आपको रीढ़ से जुड़ी कोई समस्या है, तो आपको इस समस्या में वज्रासन का अभ्यास करना चाहिए. इससे आपके रीढ़ की हड्डी पे काफी असर पड़ता है.

वज्रासन से बाद किया जाने वाला आसन – Vajrasana ke baad kiya jane wala asana

बहुत से लोग जब Vajrasana कर लेते हैं. तब उनके मन में एक ही सवाल उठता है कि अब कौन सा आसन किया जाए. तो हम आपको बताएंगे. कि वज्रासन करने के बाद कौन सा आसन करना चाहिए. आप नीचे देख सकते है. कि कौन कौन सा आसन करना चाहिए. 

  • बालासन
  • मकरासन
  • शवासन
वज्रासन की वीडियो – Vajrasana ki video 

नोट : Vajrasana से जुड़ा कोई भी सवाल हो आपके पास तक आप हमसे कॉमेंट बॉक्स में लिखकर या हमारे email पर भेज सकते है. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे. 

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