वक्रासन विधि, लाभ और सावधानियां – Vakrasana vidhi, benefits and side effect in Hindi

वक्रासन – Vakrasana in Hindi

दोस्तों आज हम आपको वक्रासन ( Vakrasana ) से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी देने की कोशिश करेंगे. जिसके बारे में आपने कभी सुना ही नहीं होगा. Vakrasana एक बहुत ही बेहतरीन आसन है. जिसका फायदा हमारे शरीर को कई तरीके से मिलता है. ( योग मुद्रसाना )

वक्रासन ( Vakrasana ) बैठ कर किया जाने वाले सबसे बेहतरीन आसनों में से एक है. जिसका फायदा मुख्य रूप से लीवर से जुड़ी समस्या में होता है. वक्रासन शब्द के अर्थ की बात करे, तो वक्र शब्द का मतलब टेढ़ा होना होता है. इसका मतलब यह हुआ कि आपको इस आसन का अभ्यास करने के लिए अपने शरीर को टेढ़ा करना पड़ता है. ( वजरोली मुद्रा )

वक्रासन क्या है? – what is Vakrasana in Hindi

मनुष्य का शरीर भौतिक, मानसिक , भाविक, प्राणिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का संतुलित स्वरूप है. योगासन शरीर के भौतिक, मानसिक व प्राणिक तल में आरोग्यता प्रदान करते हैं और इस लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक है. वक्रासन शरीर को पूरी तरह से लचीला एवं निरोग बनाने में सक्षम है. ( संभावी मुद्रा )

आज के समय में बहुत से लोग मोटापा व पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान है. इसका प्रमुख कारण खराब जीवनशैली, अमर्यादित खानपान एवं दिनचर्या. देर रात तक जागना, देरी से उठना, व्यायाम व योग से दूरी, असमय भोजन, असंतुलित आहार और तले हुए पदार्थों का सेवन. 

इन्हीं कारणों से पाचन तंत्र सही नहीं रह पाता और शरीर को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. पाचन क्रिया ठीक ना होने पर हम जो भी खाना खाते हैं, वाह ऊर्जा में रूपांतरित होने के बजाय फैट में बदल जाता है. इससे मोटापा, कब्ज, तनाव सहित कई असाध्य रोग पैदा होते हैं. 

इनसे बचने के लिए मनुष्य ने हमें प्रतिदिन योग को अपनाने की सलाह दी है. योग के अंतर्गत पाचन तंत्र को सुचारू रखने और मोटापा कम करने के लिए वक्रासन को बेहतर आसन माना गया है. इस आसन का रोजाना अभ्यास पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी दूर करता है. ( योनि मुद्रा )

वक्रासन करने का नियम – Vakrasana karne ka niyam 

वक्रासन धीमी गति से, ढीले कपड़े पहनकर सुख व आनंद पूर्वक करें. वक्रासन खाली पेट सुबह के समय सऊच के बाद अथवा आहार के 4 घंटे बाद करें. सूर्योदय के 1 घंटे बाद का समय योगा करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. जब ऑक्सीजन की मात्रा हवा में सबसे अधिक होती है, योग के लिए बहुत उपयुक्त होता है. यह समय वक्रासन का अभ्यास आपको खुली हवादार कमरे में करना चाहिए. ( मंडूकासना )

इस आसन के दौरान आपको अपनी सांस पर भी ध्यान देना चाहिए. जब शरीर को फैलाए तो सांस अंदर ले. जब शरीर को शिकोर तक सांस बाहर छोड़ें. अगर आपको यह समझ में ना आए, तो सामान्य रूप से आप सांस ले सकते हैं. ( शीर्षासन )

वक्रासन करने की विधि – Vakrasana karne ki vidhi 

  • जमीन पर मोटी दरी या चटाई बिछा लें. उसके बाद dandasana में बैठ जाएं.
  • दाया पैर मोड़कर बाएं. जांघ के पास घुटने से सटाकर रखें. अथवा घुटने के ऊपर से दूसरी और भी रख सकते हैं. बाया पैर सीधा रहेगा. ( कपालभाती प्राणायाम )
  • बाएं हाथ को दाएं पैर एवं उदर के बीच से लाकर दाएं पैर के पंजे के पास टिका दें.
  • दाएं हाथ को कमर के पीछे भूमि पर सीधा रखकर, गर्दन को घुमा कर जाएं दाईं ओर कंधे के ऊपर से मोड़कर पीछे की ओर देखें.
  • इसी प्रकार दूसरी ओर से भी अभ्यास करना वक्रासन कहलाता है. इसे 4 से 6 बार 1 दिन में कर सकते हैं.

वक्रासन के फायदे – Vakrasana benefits in Hindi

वक्रासन ( Vakrasana ) लीवर की सभी समस्याओं जैसे कि फैटी लीवर को दूर करके लिवर को स्वस्थ बनाता है और लीवर की कार्य क्षमता को भी बढ़ाता है. कमजोर लिवर होने के कारण शरीर में फैट बढ़ता हैं. मोटापा बढ़ता है. नियमित रूप से वक्रासन करने से मोटापा भी कम होता है. ( ध्यान मुद्रा )

Vakrasana पाचन शक्ति को बढ़ाता है. कब्ज, वात रोग एवं पेट संबंधी कई रोग दूर होते हैं. उच्च रक्तचाप, अल्सर और हर्निया के रोगियों के लिए यह अति उत्तम है. वक्रासन कमर व कूल्हों की चर्बी को कम करता है. गर्दन का दर्द दूर होता है.  

मधुमेह, यकृत, तिल्ली के लिए विशेष लाभप्रद है. यह आसन पथरी के लिए भी लाभदायक है. यह कमर दर्द के लिए भी उपयोगी आसन है,। वक्रासन के नियमित अभ्यास से गुर्दे भी प्रभावित होते हैं तथा मेरुदंड लचीला बनता है. ( भ्रामरी प्राणायाम )

स्त्री एवं पुरुषों के गुप्त रोग दूर होते हैं एवं स्वस्थ बनाए रखता है. सुबह और शाम शुरुआत में 1 मिनट करें. धीरे-धीरे क्षमता अनुसार अवधि को आप बढ़ा सकते हैं और भी कई सारे लाभ प्राप्त होते है. जिसकी जानकारी आपको नीचे विस्तार से मिलेगी. ( सूर्य नमस्कार )

वक्रासन करने का समय – Vakrasana karne ka samay

Vakrasana का अभ्यास उसके सही समय पर करना बेहद जरूरी है. किसी भी आसन का अभ्यास अगर आप सही समय पर करते है, तो आपको अधिक से अधिक और जल्दी से जल्दी फायदा मिलता है. सुबह सूर्योदय का समय वक्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे उपयुक्त होता है. इसलिए आपको भी इस आसन का अभ्यास सुबह के समय करना चाहिए.  ( चंद्र नमस्कार )

वक्रासन करते वक्त किया सावधानी बरतनी चाहिए – Vakrasana side effect in Hindi

गर्भवती महिलाएं वक्रासन का अभ्यास ना करें. यदि कोई व्यक्तिगत गर्दन के दर्द या हृदय रोग से पीड़ित है, तो वह वक्रासन अपने मन में ना करें. इसका अभ्यास किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

यदि आपके पेट एवं कमर में दर्द है या आप पेट एवं कमर दर्द के रोगी है, तो किसी योग्य चिकित्सक की सलाह पर ही इस आसन का अभ्यास करें. वक्रासन करते हुए कहीं भी पीड़ा हो, तो तुरंत वक्रासन का अभ्यास बंद कर दें. इस आसन का अभ्यास आप बहुत ही धीरे-धीरे व आनंद पूर्वक करें.

Vakrasana का अभ्यास करते वक्त आपको एक और बात का ध्यान रखना है. इस आसन के अभ्यास के दौरान आप अपने शरीर को किसी भी तरह का झटका ना दें. अगर आप अपने शरीर को झटका देते है, तो इससे आपके शरीर में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है. 

वक्रासन वीडियो – Vakrasana videos 

वक्रासन ( Vakrasana ) का अभ्यास अगर आप Vakrasana videos देखकर करते है, तो इससे आपको काफी फायदा मिलता है, क्यूंकि अगर आप आर्टिकल पड़ कर कुछ गलती करते है, तो आप वीडियो की मदद से उसे सुधार सकते है. इससे आप आसन का पूरा फायदा भी उठा सकते है. 

नोट : वक्रासन ( Vakrasana ) से जुड़ा कई तरह के सवाल गूगल पर देखने को मिलता है. जिसका जवाब शायद गूगल पर भी उपलब्ध नहीं होता है. क्यूंकि उन सभी सवालों का जवाब देना गूगल पर मुमकिन नहीं होता है. इसलिए अगर आपके पास इससे जुड़ा किसी तेरी का सवाल है, तो आपसे हमसे पूछ सकते है. 

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